2 नन की गिरफ्तारी : INDI गठबंधन के 4 सांसद पहुंचे रायपुर, गृह मंत्री विजय शर्मा से मिले केरल BJP महासचिव

छत्तीसगढ़ में कंवर्जन के आरोप में 2 नन की गिरफ्तारी का मामला गरमा गया है. इस मामले ने सियासी जोर भी पकड़ लिया है. वहीं, छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक गूंज के बाद अब केरल से BJP राज्य महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ और INDI गठबंधन के 4 सांसद रायपुर पहुंचे हैं. केरल के BJP महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की है. इस दौरान सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का, बेनी बेहानन, फ्रांसिस जॉर्ज, एनके प्रेमचंद्रन और अनिल ए. थॉमस दोपहर 12 बजे दुर्ग के लिए रवाना सांसद होंगे।
वहीं कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। जिसमें उन्होंने घटना पर सदन में चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा- ननों के खिलाफ अवैध गिरफ्तारी कर उन पर मनगढ़ंत आरोप लगाया जा रहा है। यह भीड़ हिंसा का हिस्सा है जो धार्मिक स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और कानून के शासन के मूलभूत सिद्धांतों पर हमला है।
राहुल गांधी – भाजपा-RSS का भीड़तंत्र
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा- छत्तीसगढ़ में 2 कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया। यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-RSS का भीड़तंत्र है।
यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है। ये बीजेपी के शासन में अल्पसंख्यकों का सिस्टेमैटिक उत्पीड़न है। UDF सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं बैठेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। हम ननों की तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।
वहीं सोमवार को मामले में सीएम साय का बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मतांतरण की आशंका व्यक्त की जा रही है, जो महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करने वाला गंभीर विषय है। सरकार पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है, तथा कानून अपनी प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समावेशी प्रदेश है जहाँ सभी धर्म और समुदाय के लोग आपसी सद्भाव के साथ रहते हैं।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं – केसी वेणुगोपाल
वहीं कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमने ननों की हिरासत के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। वे केरल की रहने वाली हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में काम कर रही हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘वे नियमों के तहत 3 युवतियों को नौकरी के लिए ले जा रही थीं, लेकिन वहां की (छत्तीसगढ़) सरकार और बजरंग दल ने आरोप लगाया कि यह तस्करी का मामला है और वे युवतियों को धर्मांतरण के लिए ले जा रही थीं। यह पूरी तरह से झूठ था।’
केसी वेणुगोपाल ने कहा- ‘ननों ने पुलिस को बताया कि हम उन्हें कानूनी तौर पर ले जा रहे हैं और हमारे पास उनके माता-पिता की अनुमति है, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं’।
विपक्ष का विरोध – विरोध प्रदर्शन संसद में
UDF सांसदों सहित कांग्रेस की टीम ने संसद परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।कांग्रेस महासचिव K.C. वेणुगोपाल सहित सांसदों ने आरोप लगाया कि ननों पर भीड़तंत्र और अल्पसंख्यक उत्पीड़न का मामला है। राहुल गांधी ने इसे “BJP‑RSS का भीड़तंत्र” करार दिया और धर्म‑स्वातंत्र्य का उल्लंघन बताया।उन्होंने ननों की तत्काल रिहाई और जवाबदेही की मांग उठाई।
CPI(M), CBCI और केरल की प्रतिक्रिया
CPI(M) ने इसे संवैधानिक व धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया।
CBCI के अध्यक्ष मार एंड्रयूज थाज़ाथ ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दिया और केंद्र से सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। देवस्थान विभाग और केरल पोलिटिकल-धार्मिक ने जुड़ी संस्थाओं ने भी आरोपों की छानबीन की मांग की।
अल्पसंख्यकों को बदनाम किया जा रहा- प्रियंका गांधी
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा -मैं 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई घटना की निंदा करती हूं। दो ईसाई ननों-सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया। उन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के झूठे आरोप लगाए गए हैं। ये अल्पसंख्यक अधिकारों पर एक गंभीर हमला है।
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा यह केवल एक मामला नहीं है। भाजपा शासन में अल्पसंख्यकों को सिस्टेमैटिक रूप से परेशान और बदनाम किया जा रहा है। भीड़ द्वारा न्याय और सांप्रदायिक निशाना बनाने का हमारे लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। कानून का शासन कायम रहना चाहिए।