27 नेता-अफसर और कारोबारी ED जांच के दायरे में, पूर्व विधायक के घर छापेमारी खत्म, दी गई यह हिदायत
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय की शुक्रवार तड़के शुरु हुई छापेमार कार्रवाई खत्म हो गई है ईडी की सभी टीमें लौट आई हैं। ईडी ने जांच के घेरे में आए सभी लोगों को बिना अनुमति के राजधानी नहीं छोडऩे की हिदायत दी है। ईडी की दर्जनभर से अधिक टीमों ने शुक्रवार तडक़े पूर्व खनिज सचिव पी. अंबलगन, बीज निगम अध्यक्ष कांग्रेस नेता अग्नि चंद्राकर, परिवहन कारोबारी विपुल परेल, मनसुख परेल और स्वतंत्र जैन के यहां दबिश दी थी। दिनभर चली जांच और पूछताछ के बाद सबसे पहले चंद्राकर निवास से टीम लौटी। उसके बाद शेष ठिकानों से लौटेगी। सूत्रों ने टीमें लौटने की पुष्टि की है, लेकिन छापों में नगदी, जेवर प्रापर्टी पेपर्स के सीजर को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
अधिकारियों के अनुसार इसको लेके जल्द ही मुख्यालय से अधिकृत प्रेस नोट जारी किया जाएगा। मनी लांड्रिग और कोयले पर लेनी वसूली के दर्ज मामलों में ईडी ने अब तक 13 अफसर कांग्रेस नेताओं से पूछताछ और उनके ठिकानों में छापेमारी की है। इनमें से सीएम की उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया, पूर्व खनिज संचालक समीर विश्नोई, कारोबारी, और सीएम के करीबी सूर्यकांत तिवारी, उसके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल को जेल निरूद्ध किया जा चुका है। अब आईएएस पी. अंबलगन से पूछताछ की गई है। सूत्रों ने बताया कि अभी उनकी पत्नी डी. अलरमेलमंगई से कोई पूछताछ नहीं हुई है। श्रीमती मंगई भी भाजपा शासन में संचालक खनिज रही है। साथ ही 27 और नेता-अफसर और कारोबारियों को इंट्रोगेशन के लिए समन भेजा है।
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