चैतन्य बघेल की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई आज, 24 दिनों से जेल में है बंद

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले और मनी लांड्रिंग के केस में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें ED की गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया गया है। केस जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच में लिस्ट किया गया है। बता दें कि चैतन्य बघेल को ED ने बीते 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था। वे 24 दिनों से जेल में बंद है।
सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
दरअसल, पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। ED के मामलों को लेकर लगाई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद चैतन्य ने अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।
24 दिनों से जेल में बंद है चैतन्य बघेल
बता दें कि, शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं। ED के मुताबिक शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया गया है। साथ ही सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है।
चैतन्य बघेल के वकील ने लगाया आवेदन
जेल में बंद चैतन्य बघेल को सुरक्षा देने और जेलर के कमरे में परिवार से सप्ताह में एक बार और वकील से डेली मुलाकात का आवेदन लगाया गया है। कांग्रेसी नेता आशीष शिंदे पर हुए हमले का हवाला देकर आवेदन लगाया गया है। 18 जुलाई से 45 दिन की ईडी ऑफिस के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का भी आवेदन लगाया गया है।
चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि चैतन्य बघेल को इस शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी। उन्होंने अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल इस धनराशि को आपस में मिलाने के लिए किया था। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वे उनके साथ सहयोग करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उनके बेटे के खिलाफ ईडी की कार्रवाई राज्य में “अवैध वृक्ष कटाई” से ध्यान हटाने के लिए शुरू की गई थी, क्योंकि कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने वाली थी।
एजेंसी ने कहा कि जूनियर बघेल चैनन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों नामक एक स्थानीय व्यवसायी के साथ सांठगांठ की और उसकी कंपनियों का उपयोग करके एक ऐसी योजना जिसके तहत उन्होंने ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीदने के नाम पर पांच करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा बैंकिंग ट्रेल से पता चलता है कि संबंधित लेन-देन के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त हुआ।