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Beyond the scorecard : हैंडशेक से इनकार के पीछे क्या था मकसद? गौतम गंभीर और सूर्यकुमार यादव ने किया खुलासा

Beyond the scorecard: भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप 2025 में सिर्फ स्कोरकार्ड ही नहीं, बल्कि सुर्यकुमार यादव के हैंडशेक से इनकार ने पाकिस्तान को गहरा झटका दिया। सूर्यकुमार की बेबाक बयानबाजी ने इस संदेश को और तेज कर दिया, और पाकिस्तान का पोस्ट-मैच समारोह छोड़ना यह दर्शाता है कि यह टीम कितनी आहत हुई। भारत की दमदार जीत और कप्तान की दुधारी रणनीति ने पाकिस्तान को तगड़ा नुकसान पहुँचाया

मैदान पर राजनीतिक छाया
स्पोर्ट्स में राजनीति को अलग रखने की सलाह अक्सर दी जाती है, लेकिन भारत-पाकिस्तान की क्रिकेट टक्कर हमेशा दोनों देशों के तनावपूर्ण रिश्तों की परछाईं लिए रहती है। रविवार को दुबई में एशिया कप मुकाबले के दौरान, पहलगाम आतंकी हमले के बाद उपजे तनाव की छाया मैदान पर साफ दिखी। भारतीय क्रिकेटर्स आमतौर पर राजनीतिक या संवेदनशील मुद्दों पर चुप रहते हैं, लेकिन इस बार सुर्यकुमार यादव एंड कंपनी ने मैदान और बयान दोनों से मजबूत संदेश भेजे।

सूर्यकुमार की कप्तानी और दमदार प्रदर्शन
सूर्यकुमार कुमार यादव ने अपनी कप्तानी करियर के सबसे अहम मैच में भारत को सात विकेट से शानदार जीत दिलाई। कप्तान ने पूरी रणनीति की कमान अपने हाथ में रखते हुए बॉलिंग रोटेशन और फील्ड प्लेसमेंट सही किए। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी फॉर्म को सुधारते हुए 37 गेंदों में नाबाद 47 रन बनाए और भारत को 128 रन का लक्ष्य पार कराने में मदद की। यह जीत उनके जन्मदिन पर मिली और मौजूदा माहौल में सबसे अहम थी।

बयान और हैंडशेक से इनकार
मैच से पहले सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, “आक्रामकता मैदान पर हमेशा रहती है। बिना आक्रामकता के खेल संभव नहीं। मैं मैच के लिए बेहद उत्साहित हूं।” मैच के दिन सुर्यकुमार की आक्रामकता अधिक नहीं थी, पर उन्होंने कार्रवाई से अपना संदेश स्पष्ट किया—पाकिस्तान कप्तान सलमान आगा से हाथ नहीं मिलाया। टॉस से पहले आमतौर पर होने वाला हैंडशेक नज़रअंदाज़ कर उन्होंने कोई शिष्टाचार नहीं निभाया। मैच के अंत में भी सुर्यकुमार व शिवम दुबे सीधे ड्रेसिंग रूम चले गए और पाकिस्तान टीम के साथ किसी प्रकार का संवाद नहीं किया।

खेल से ऊपर भावनाएँ
सूर्यकुमार ने जीत को पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों और भारतीय सेना को समर्पित किया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हाथ न मिलाने का बचाव करते हुए कहा, “कुछ बातें जीवन में खेल भावना से ऊपर होती हैं। हम सरकार और बीसीसीआई के साथ थे। हमने जवाब दिया। यह जीत उन वीर सैनिकों और पीड़ित परिवारों को समर्पित है।” मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भी इस बात की पुष्टि की कि टीम यह जीत सैनिकों को समर्पित करना चाहती थी।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और समारोह का बहिष्कार
पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा ने पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन से दूरी बना ली, जबकि कोच माइक हेसन ने हाथ न मिलाने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, “हम मैच समाप्त होने पर हाथ मिलाने के लिए तैयार थे, लेकिन हमारे विपक्षी टीम ने ऐसा नहीं किया। हम निराश हुए क्योंकि हमने इसकी उम्मीद की थी।” सलमान आगा ने समारोह में शामिल न होने का कारण भी यही बताया। पाकिस्तान टीम सुर्यकुमार के बर्ताव से अपमानित महसूस कर रही थी।

भविष्य के मुकाबलों की ओर नज़र
भारत-पाकिस्तान मुकाबले काफी समय से विवाद से दूर थे, पर इस घटना के बाद आने वाले मैचों में तनाव और ड्रामा की पूरी संभावना है। भारत ने दोनों बार संवेदनशीलता और खेल भावना के प्रचलित दस्तूर को टालकर पाकिस्तान को गहरी चोट पहुँचाई है। अब 21 सितंबर को सुपर-4 के मुकाबले में दोनों टीमें फिर आमने-सामने होंगी, और फिर विवाद, भावनाएँ और आक्रामकता का माहौल बनना तय है।

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