नाम तो सुना ही होगा…अब जान भी ले कौन है ‘सौम्या चौरसिया’ और कैसे बनी कांग्रेस सरकार में सुपर पॉवर…कहा जाने लगा था सुपर सीएम

सौम्या चौरसिया छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा (CAS) की अधिकारी हैं, जिन्होंने राज्य की राजनीति, प्रशासन और विवादों में गहरा प्रभाव डाला है। वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही हैं और अपनी प्रशासनिक ताकत, कार्यशैली और हुए कोयला घोटाले के मामलों की वजह से सुर्खियों में रही हैं.
पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
सौम्या का जन्म 6 अक्टूबर 1979 को छत्तीसगढ़ के भिलाई (कोरबा से जुड़ा) में हुआ था। उनके पिता स्कूल टीचर थे, जिनका 2019 में निधन हो गया। उनकी मां का नाम शांति देवी है। सौम्या ने ग्रेजुएशन तक शिक्षा प्राप्त की है। उनका विवाह सौरभ मोदी से हुआ है, जो पहले भारत एलुमिनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) में कार्यरत थे। सौम्या के कुल दो बच्चे हैं और परिवार में दो बहनें एवं एक भाई हैं। उनका भाई बेंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है.
प्रशासनिक करियर
2008 में उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा (CAS) परीक्षा उत्तीर्ण की।
शुरू में पेंड्रा और बिलासपुर में SDM के रूप में तैनात रहीं।
2011 में भिलाई और पाटन (दुर्ग जिला) में SDM रहीं।
2016 में वे पहली बार भिलाई चरौदा नगर निगम की कमिश्नर बनीं।
उसी वर्ष रायपुर नगर निगम में एडिशनल कमिश्नर भी नियुक्त हुईं।
2018 में, भूपेश बघेल सरकार में उप सचिव के पद पर नियुक्त हुईं, जो आमतौर पर सीनियर IAS अधिकारी का पद होता है – इससे उनकी ताकत व प्रभाव काफी बढ़ा.

विवाद और गिरफ्तारी
सौम्या का नाम साल 2022 में छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में सामने आया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 2 दिसंबर 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध वसूली मामले में गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने कोल ट्रांसपोर्ट और माइनिंग से जुड़े कारोबारियों के साथ मिलकर अवैध वसूली की और करीब ₹500 करोड़ से ज्यादा गलत तरीके से प्राप्त किए। जांच में ऐसे व्हाट्सएप चैट भी मिले, जो सौम्या ने व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के साथ साझा किए थे, जिसमें गोपनीय सरकारी सूचना साझा करने के प्रमाण मिले। ईडी का आरोप है कि इन फंड्स का इस्तेमाल चुनावी खर्च और परिवार के नाम से संपत्ति खरीदने में किया गया। आयकर विभाग ने भी उनकी संपत्ति पर छापेमारी की, जिसमें गोपनीय संपत्ति और जेवरात भी बरामद हुए। उनके घर से 14 करोड़ की नकदी और ज्वेलरी मिली थी.
कानूनी कार्यवाही और संपत्ति जब्ती
मूलत: छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उनकी 8 करोड़ की संपत्ति जब्त की, जिसमें 16 अचल संपत्तियां शामिल हैं। जांच में करीब 45 संपत्तियां, जिनकी कीमत लगभग ₹47 करोड़ मानी गई, उनके और उनके करीबी रिश्तेदारों के नाम पाई गईं। इससे स्पष्ट हुआ कि उनकी आय और संपत्ति में भारी अंतर था। ED ने पहले ही 17 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 में सौम्या को अंतरिम जमानत दी, मगर सरकारी सेवा में बहाली पर रोक लगाई गई है, यानी वे फिलहाल निलंबित बनी रहेंगी.
सार्वजनिक चर्चा और मीडिया छवि
सौम्या को ‘सुपर-CM’ भी कहा गया; उनके प्रभाव को अकसर बघेल सरकार के अंदर सबसे ताकतवर अफसर के रूप में देखा गया।छत्तीसगढ़ के राजनीतिक हलकों में उनकी प्रशासनिक कार्यशैली, निर्णायक भूमिका और मुख्यमंत्री के सीधे संपर्क के कारण अक्सर चर्चा में रहती थीं। गिरफ्तारी के समय, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी गिरफ्तारी को राजनीतिक कार्रवाई बताया और ट्विटर पर समर्थन भी जताया था.
सौम्या चौरसिया पर आरोप और जांच
साल 2022
दिसम्बर 2022 : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सौम्या चौरसिया को छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला एवं मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। आरोप था कि उन्होंने कोयला व्यवसायियों, अधिकारियों व बिचौलियों के एक सिंडिकेट के साथ मिलकर कोल ट्रांसपोर्ट पर प्रति टन ₹25 की अवैध वसूली की और करीब ₹540 करोड़ से ज़्यादा रकम जुटाई.
साल 2023
संपत्ति कुर्की और गिरफ्तारी : जांच में अहम दस्तावेज, व्हाट्सएप चैट्स, बैंक रिकॉर्ड की पुष्टि हुई। ईडी ने 17 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की। कोर्ट में कई बार जमानत याचिका खारिज हुई.
साल 2024
मई 2024 : छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (EOW) ने मल्टी-क्रोर DMF फंड घोटाले में चौरसिया समेत अन्य अधिकारियों पर 6000 पेज का चार्जशीट दाखिल किया। इसमें DMF टेंडर में अवैध कमीशन की बात सामने आई.
जुलाई-सितम्बर 2024: सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या सहित अन्य आरोपियों को अंतरिम जमानत दी, लेकिन प्रदेश में लौटने या सेवा बहाली पर रोक (चौरसिया अभी भी सस्पेंडेड रहेंगी
सितम्बर 2025: नई अचल संपत्तियों की कुर्की : EOW ने कोर्ट से अनुमति लेकर सौम्या चौरसिया की 16 अचल संपत्तियां (कुल कीमत लगभग 8 करोड़ रुपए) अटैच कीं। ये संपत्तियां कथित तौर पर अवैध वसूली व बेनामी सौदों से जुटाई गईं.
कोर्ट की सुनवाई जारी
बचाव पक्ष ने संपत्ति कुर्की का विरोध किया, कोर्ट ने सुनवाई अगली तारीख पर तय की है.जाँच में EOW ने अब तक कुल 45 संपत्तियां और करीब ₹47 करोड़ की बेनामी संपत्ति चौरसिया व उनके संबंधियों के नाम पाई.
अन्य अहम बिंदु
ED/EOW की कार्रवाई छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत इतनी बड़ी संपत्ति कुर्की मानी गई। ईडी एवं EOW ने रिपोर्ट में कहा कि आगे भी और संपत्ति की तलाश एवं कुर्की कार्रवाई चलती रहेगी। कोर्ट के अगले आदेश पर इस मामले की दिशा और आगे की कार्रवाई निर्भर करेगी.

सौम्या चौरसिया छत्तीसगढ़ की चर्चित महिला प्रशासनिक अधिकारी रही हैं, जो कोल घोटाले और संपत्ति के विवादों के कारण अब निलंबित और गैर-सरकारी जीवन में हैं। वे सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर हैं, मगर सरकारी सेवा में पूरी तरह पुनःस्थापित होने की मंजूरी नहीं मिली है। उनके पूरे कार्यकाल, विवाद और गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति और प्रशासन पर लंबा असर डाला है. सौम्या चौरसिया से जुड़े कोयला घोटाले और आय से अधिक संपत्ति मामले में 2022-2025 के बीच अनेक जांच, कार्रवाई एवं कोर्ट के आदेश हुए।