Bangladesh Politics: यूनुस सरकार में गहराया विवाद, एनसीपी ने उठाए गंभीर सवाल

ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में राजनीतिक अस्थिरता लगातार बढ़ती जा रही है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार और छात्र-नेतृत्व वाली नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के बीच वफादारी और भरोसे को लेकर गंभीर मतभेद सामने आए हैं। एनसीपी नेताओं का आरोप है कि यूनुस सरकार के कुछ वरिष्ठ सलाहकार सार्वजनिक हित की बजाय अपनी निजी सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं और राजनीतिक दलों से सुरक्षित निकासी के रास्ते तलाश रहे हैं।
हालांकि, सरकार की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मामलों की सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वह अपना शेष जीवन बांग्लादेश में ही बिताएंगी और किसी भी तरह बाहर निकलने की कोशिश नहीं कर रही हैं।
एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम ने आरोप लगाया कि कुछ सलाहकार छात्र आंदोलन के भरोसे को तोड़ रहे हैं और संकट की घड़ी में अलग-अलग दलों से संपर्क कर सुरक्षित निकासी की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, एनसीपी के अन्य नेता सरजिस आलम ने चेतावनी दी कि “सलाहकारों के लिए एकमात्र रास्ता मौत है।” इस बयान ने राजनीतिक विवाद को और भड़का दिया।
एनसीपी की स्थापना पिछले साल हुए जुलाई विद्रोह के बाद हुई थी, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर किया। फरवरी 2025 में एनसीपी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाई और यूनुस सरकार पर दबाव बनाते हुए अवामी लीग पर सख्त कार्रवाई कर कई नेताओं को गिरफ्तार किया। विशेष न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और 29 अन्य पर मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप लगाकर गिरफ्तारी का आदेश दिया।