Chhattisgarh Coal Scam: भूपेश बघेल का बड़ा आरोप — “सरकारी एजेंसियों ने कोर्ट में पेश किए जाली दस्तावेज”, EOW-ACB की जांच पर उठाए सवाल

Chhattisgarh Coal Scam: भूपेश बघेल का आरोप — सरकारी एजेंसियों ने पेश किए जाली दस्तावेज
रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले की जांच को लेकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि एक आरोपी सूर्यकांत तिवारी की जमानत याचिका के दौरान, एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट में जाली दस्तावेज पेश किए, जो सह-आरोपी निखिल चंद्राकर के बयान से जुड़े थे।
भूपेश बघेल बोले — “दस्तावेज कोर्ट में नहीं बनाए गए थे”
भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि
“सीआरपीसी की धारा 164 के तहत आरोपी या गवाह का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया जाता है। लेकिन इस मामले में जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए, उनके फॉन्ट अदालत के आधिकारिक फॉन्ट से पूरी तरह अलग थे।”
उन्होंने आगे कहा कि ये बयान पहले से टाइप किए गए थे और उन्हें पेन ड्राइव के जरिए अदालत में लाया गया, जबकि यह कार्यवाही मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में होनी चाहिए थी।
फोरेंसिक रिपोर्ट से खुलासा — दो अलग-अलग फॉन्ट मिले
बघेल ने बताया कि फोरेंसिक जांच में यह बात सामने आई कि दस्तावेज में दो अलग-अलग फॉन्ट्स का इस्तेमाल किया गया है, जो यह साबित करता है कि ये फाइलें अदालत में तैयार नहीं हुईं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह जांच प्रक्रिया की गंभीर अनियमितता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि “दस्तावेजों को गढ़कर” न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
कांग्रेस नेता ने की आपराधिक कार्रवाई की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता गिरीश चंद्र देवांगन ने इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रायपुर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने EOW/ACB के तीन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की है।
देवांगन ने यह भी बताया कि 12 सितंबर को उन्होंने इस संबंध में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी एक औपचारिक शिकायत सौंपी थी।
“राजनीतिक इशारे पर हो रही जांच” — कांग्रेस का आरोप
भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र की एजेंसियां विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही हैं।
“ईडी, सीबीआई, आईटी विभाग और राजस्व आसूचना निदेशालय जैसी संस्थाएं अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही हैं। उनका मुख्य लक्ष्य विपक्षी दलों को दबाना और बदनाम करना है।”
क्या है छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामला?
छत्तीसगढ़ में हुए कोयला परिवहन और कमीशन घोटाले में करोड़ों रुपये के हेरफेर का आरोप है।
इस केस में कई कारोबारी और अधिकारी जांच के दायरे में हैं।
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार और केंद्र की एजेंसियां मिलकर इस मामले का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं।