राजधानी रायपुर में भाजपा पार्षद को मिली सरकारी नौकरी, कांग्रेस का आरोप भांग खा के चल रही सरकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है। रायपुर नगर निगम के भाजपा पार्षद कैलाश बेहरा को उनकी मां की मृत्यु के बाद भृत्य (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली है, जिसे कांग्रेस ने असंवैधानिक और शर्मनाक करार दिया है। कांग्रेस ने राज्य सरकार और नगरीय प्रशासन विभाग पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है।
क्या है मामला?
रायपुर नगर निगम के भाजपा पार्षद कैलाश बेहरा की मां, मुन्नीबाई बेहरा, नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थीं। उनके निधन के बाद, पार्षद बेटे कैलाश बेहरा को अनुकंपा आधार पर मां की जगह नौकरी देने का आदेश जारी किया गया। इस फैसले को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने इस नियुक्ति पत्र सार्वजनिक होने के बाद सरकार और नगर निगम प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “विष्णु देव साय की सरकार ने ऐसी मिसाल कायम की है, जो संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ है। एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि को सरकारी नौकरी देना पूरी तरह नियम और संविधान का उल्लंघन है। यह हितों के टकराव (conflict of interest) का मामला है।”
फैसला रद्द करने की मांग
दीपक बैज ने मांग की है कि पार्षद को दी गई अनुकंपा नियुक्ति तत्काल रद्द की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और कांग्रेस लगातार सरकार को घेर रही है। अब सबकी नजर है कि नगर निगम प्रशासन इस विवादित नियुक्ति का क्या फैसला करता है आदेश रद्द करता है या पार्षद नौकरी ज्वाइन करते हैं।