NCTE Latest Update 2025 : देशभर के शिक्षकों के लिए अब TET पास करना हुआ अनिवार्य, लागू होंगे नए नियम

NCTE Latest Update 2025 : देश के शिक्षा जगत में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2025 को दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद अब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने भी इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके चलते अब पूरे भारत में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही उन सभी अभ्यर्थियों में हलचल बढ़ गई है जो बिना TET परीक्षा पास किए शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश अब सर्वोपरि
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि प्राथमिक स्तर के सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से TET परीक्षा पास करनी होगी। यह निर्णय महाराष्ट्र से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान सुनाया गया, लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं रहेगा। इस फैसले के अनुसार पूरे देश के सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में नियुक्त होने वाले प्राथमिक शिक्षकों के लिए यह प्रमाणपत्र आवश्यक होगा।
NCTE ने इस आदेश का समर्थन करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश ही अंतिम और सर्वोच्च माना जाएगा। परिषद ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में टीईटी परीक्षा में छूट देने की संभावना नहीं है।
क्यों अनिवार्य किया गया TET परीक्षा पास करना?
TET परीक्षा का मुख्य उद्देश्य शिक्षक की क्षमता, विषय संबंधी ज्ञान और बच्चों को पढ़ाने की योग्यता का मूल्यांकन करना है। सुप्रीम कोर्ट और NCTE का मानना है कि एक प्रशिक्षित और योग्य शिक्षक ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बना सकता है। इसलिए इस परीक्षा के आधार पर यह तय करना आसान हो जाता है कि कौन व्यक्ति इस जिम्मेदारी को निभाने के योग्य है।
शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
इस निर्णय से शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और केवल वही उम्मीदवार चयनित होंगे जो वास्तव में शिक्षण कौशल रखते हैं। इससे न केवल विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि देश में साक्षरता स्तर और शैक्षणिक मानक भी बेहतर होने की उम्मीद है।
नियुक्ति प्रक्रिया होगी पारदर्शी
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि TET परीक्षा यह सुनिश्चित करती है कि शिक्षक बनने वाले उम्मीदवार प्रशिक्षित और योग्य हों। कई वर्षों से कुछ राज्यों में बिना इस परीक्षा के भी शिक्षकों की नियुक्ति होती आ रही थी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहते थे। अब इस फैसले के बाद चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो सकेगी।
TET पास करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक सकारात्मक बदलाव माना जा सकता है क्योंकि उन्हें शिक्षक बनने के लिए एक सशक्त प्रमाणिकता हासिल होगी।
पूरे भारत में लागू होगा नियम
यह फैसला केवल महाराष्ट्र राज्य के लिए नहीं है। NCTE ने स्पष्ट कहा है कि यह नियम देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होगा। यानी अब देश के किसी भी हिस्से में कोई भी व्यक्ति TET पास किए बिना प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेगा। इससे सभी राज्यों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया एक समान हो जाएगी।
राज्य सरकारों और शिक्षा विभागों ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। आने वाली सभी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में केवल वही उम्मीदवार आवेदन कर पाएंगे, जिन्होंने TET पास किया होगा।
शिक्षकों में बढ़ी चिंता, लेकिन अवसर भी मिलेंगे
इस निर्णय के बाद उन उम्मीदवारों में चिंता बढ़ गई है जो अब तक बिना TET पास किए शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव लंबे समय में अभ्यर्थियों के लिए लाभकारी साबित होगा। TET पास करने वाले उम्मीदवारों को भविष्य में बेहतर अवसर मिलेंगे और उनकी योग्यता को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी।
TET पास उम्मीदवारों के लिए यह एक सुनहरा मौका होगा क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में उनकी प्राथमिकता बढ़ जाएगी। वहीं जो अभ्यर्थी अभी तक TET परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें अब तैयारी शुरू करनी चाहिए।
केंद्र सरकार के अगले कदम पर निगाहें
अब सभी की नज़रें केंद्र सरकार पर टिकी हुई हैं कि क्या सरकार इस नियम में कुछ राहत देगी या इसे स्थायी रूप से लागू रखेगी। हालांकि फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे यह साफ है कि इस निर्णय में बदलाव की संभावना बहुत कम है। सुप्रीम कोर्ट और NCTE दोनों इस निर्णय को शिक्षा प्रणाली में सुधार के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देख रहे हैं।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट और NCTE के इस संयुक्त फैसले से भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है। यह बदलाव न केवल योग्य उम्मीदवारों को बढ़ावा देगा, बल्कि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण मिलेगा। अब यदि कोई व्यक्ति प्राथमिक शिक्षक बनना चाहता है, तो उसे शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य होगा। आने वाले समय में यह निर्णय देश की शिक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।