टाटा ट्रस्ट्स की बड़ी खबर: मेहली मिस्त्री के भविष्य का फैसला, कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ तीन ट्रस्टियों का वोट, जानिए आगे क्या होगा?

नई दिल्ली। टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) के अंदरूनी मतभेद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। समूह के वरिष्ठ और टाटा समूह के चेयरमैन तन टाटा के भरोसेमंद सहयोगी माने जाने वाले मेहली मिस्त्री के कार्यकाल विस्तार को लेकर विवाद गहराता नजर आ रहा है। ट्रस्टी के रूप में मेहली मिस्त्री का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, और उनके कार्यकाल को बढ़ाने के लिए मंगलवार को ट्रस्ट की बैठक में प्रस्ताव लाया गया था।
हालांकि, इस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान बहुमत ट्रस्टीज ने उनके खिलाफ वोट डाला, जिससे यह साफ हो गया कि संगठन के भीतर गहरी असहमति मौजूद है। सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट के कुछ सदस्य मिस्त्री की नीतियों और हालिया निर्णयों से असंतुष्ट हैं, जिसके चलते उनके कार्यकाल विस्तार पर आपत्ति जताई गई।
टाटा ट्रस्ट्स भारत के सबसे बड़े परोपकारी संगठनों में से एक है, जो टाटा समूह की अधिकांश कंपनियों में हिस्सेदारी रखता है। ऐसे में ट्रस्ट के भीतर किसी भी तरह का मतभेद न केवल संगठन की दिशा बल्कि पूरे समूह के निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।
मेहली मिस्त्री, तन टाटा के लंबे समय से करीबी सहयोगी रहे हैं और उन्होंने कई रणनीतिक फैसलों में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन अब ट्रस्ट में उनके खिलाफ बढ़ती असहमति ने आने वाले समय में टाटा ट्रस्ट्स के नेतृत्व और नीतिगत दिशा पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।






