पंचांग : देवोत्थान एकादशी के पारण पर त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि –

आज 02 नवंबर, 2025 रविवार, के दिन कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि है. इस तिथि के रक्षक भगवान विष्णु है. विवाह समारोह के साथ स्वनियंत्रण और उपवास के लिए यह तिथि अच्छी है. साथ ही धन प्रदायक गतिविधियों की ऊर्जा के साथ खुद को संलग्न करने के लिए भी यह तिथि अच्छी है. आज देवोत्थान एकादशी का पारण है. आज वैष्णव देवोत्थान एकादशी है. आज त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है.
2 नवंबर का पंचांग
- विक्रम संवत : 2081
- मास : कार्तिक
- पक्ष : शुक्ल पक्ष एकादशी
- दिन : रविवार
- तिथि : शुक्ल पक्ष एकादशी
- योग : व्याघात
- नक्षत्र : पूर्वभाद्रपदा
- करण : विष्टि
- चंद्र राशि : कुंभ
- सूर्य राशि : तुला
- सूर्योदय : सुबह 06:44 बजे
- सूर्यास्त : शाम 06:01 बजे
- चंद्रोदय : दोपहर 03.21 बजे
- चंद्रास्त : देर रात 03.50 बजे (3 नवंबर)
- राहुकाल : 16:36 से 18:01
- यमगंड : 12:22 से 13:47
इस नक्षत्र में शुभ कार्य से बचें
आज के दिन चंद्रमा कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में रहेंगे. इस नक्षत्र का विस्तार कुंभ राशि में 20 डिग्री से लेकर 3:20 डिग्री मीन राशि तक है. इसके देवता रुद्र और नक्षत्र स्वामी बृहस्पति हैं. लड़ाई, छल और संघर्ष या शत्रुओं के विनाश की योजना बनाने, कीटनाशक छिड़कने, आगजनी, कचरा जलाने, विनाश के कार्य या क्रूरता के कार्यों के लिए ये उपयुक्त नक्षत्र है, लेकिन शुभ कार्यों के लिए ये नक्षत्र अनुकूल नहीं है.
आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 16:36 से 18:01 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.





