छत्तीसगढ़

सिम्स में जूनियर छात्रों को धमकाने और प्रताड़ित करने का मामला, 25 छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित, एक पर एक साल का प्रतिबंध

बिलासपुर : सिम्स मेडिकल कॉलेज में आए दिन अनुशासनहीनता करने वाले छात्रों को हॉस्टल से निष्काषित किया गया है। सिम्स में जूनियर को धमकाने और प्रताड़ित करने के मामले में 25 छात्रों पर निष्कासन की कार्रवाई की गई है। जूनियर छात्रों की शिकायत पर डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने एक्शन लिया है।

छात्रों की शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए 21 अक्टूबर को छात्रावास प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में माना कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ी घटना हो सकती है। इसके बाद 25 छात्रों को अलग-अलग अवधि के लिए निष्कासित किया गया है। ये सभी स्टूडेंट्स एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के हैं। जिन्हें हास्टल से 3 व 6 माह के लिए निष्कासित कर दिया है।

छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के छात्रावास प्रबंधन समिति ने एमबीबीएस द्वितीय वर्ष बैच 2024 के छात्रों को छात्रावास नियमों के उल्लघंन व अनुशासनहीनता के लिए निष्कासित कर दिया है। इसमें पहली बार के साथ ही दूसरी बार भी अनुशासनहीनता में संलिप्ता पाने पर कार्रवाई की गई है। समिति ने छात्रों के कृत्यों को गंभीरता से लिया है। बताया जा रहा है कि दीपावली त्योहर और उससे पहले छात्रों के द्वारा छात्रावास परिसर में हंगामा किया गया है, वहीं कई छात्र नियमों को अनदेखा कर प्रबंधन को कड़ी चुनौती दे रहे थे। जिस पर प्रबंधन का रवैया सामने आया है। खास बात यह है कि एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र प्रखर प्रताप सिंह राठौर का बार-बार हिदायत देने के बाद भी रवैये में बदलाव नहीं होने व रात में हास्टल में हंगामा मचाने के मामले में प्रबंधन ने कड़ा रूख लेते हुए छात्र को 1 साल के लिए हास्टल से बाहर का रास्ता दिखाया है। साथ ही हिदायत जारी करते हुए डीन से कहा कि इस तरह के कृत्यों की पुनरावृत्ति ‘होने पर छात्रों को पूर्ण रूप से हास्टल से बेदखल किया जा सकता है।

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