ख़त्म होगा कांग्रेस में अंतर्कलह ? निपटो-निपटाओ का खेल अब भी जारी

छत्तीसगढ़ में 15 साल की सत्ता का सुख भोग रहे भाजपा को कांग्रेस ने 2018 में ज़ोरदार पटखनी देते हुए सत्ता की कुर्सी अपने नाम की थी , बाद इसके महज़ 5 साल बाद ही सत्ता में बैठी कांग्रेस की करारी हार हुई, इसके पीछे सब के अपने अपने तर्क है, इसमें से एक कांग्रेस में अंदरुनी गुटबाजी का चरम पर होना है
अब लगभग दो साल होने को है जब कांग्रेस विपक्ष कि भूमिका निभा रही है, एक तरफ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता 2028 के रण के लिए अभी से कमर कस के तैयारी में लग गए है तो दूसरी तरफ़ बड़े नेताओं के बीच की अंतर्कलह उनका मोरल डाउन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है
दो बरस बाद भी कांग्रेस अपने इस अंतर्कलह से बाहर नहीं आ पाई है, अब भी कांग्रेस में बहस इस बात पर छिड़ी है कि 2023 में पार्टी क्यों हारी ? हार का जिम्मेदार कौन है ? कांग्रेस से निष्कासित चल रहे पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने हाल ही में फिर बयान देकर पार्टी में खलबली मचा दी है, बृहस्पत सिंह ने कांग्रेस की हार के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेताओं की CM रेस को हार का कारण बताया, उनका सीधा इशारा टीएस बाबा की तरफ़ ही था, याद रखें बृहस्पत सिंह बाबा उपर ख़ुद की हत्या करवाने का गंभीर आरोप कई दफा लगा चुके है ऐसे में जाहिर है इस बयान से पार्टी के भीतर बयानों की आग लग गई है।
हाल फ़िलहाल पूर्व कांग्रेसी विधायक बृहस्पत सिंह ने बताया कि राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के ट्राइबल नेताओं को दिल्ली बुलाकर पूछा कि हम सत्ता में क्यों नहीं आ रहे तो जवाब में उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर निपटो-निपटाओ का खेल बंद हो जाये तो कांग्रेस तुरंत सत्ता में वापस आ जाएगी।
बृहस्पत सिंह ने राहुल गांधी के सामने टीएस बाबा का नाम लेते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के सभी वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। सरगुजा महाराज टीएस अच्छे नेता हैं, लेकिन वो सरगुजा के दायरे से बाहर नहीं निकल पाते ।
बृहस्पत सिंह कई दफा कह चुके है कि कांग्रेस नेताओं का घमंड सर चढ़कर बोल रहा था। सिंहदेव सीएम होते तो कांग्रेस की 14 सीट भी नहीं आती। बृहस्पत सिंह ने कहा कि भाजपा को लाने का श्रेय TS सिंहदेव को जाता है। BJP TS सिंहदेव को राज्यपाल बनाए।
बृहस्पत के एक बार फिर आरोपो पर TS सिंहदेव ने कहा कि बृहस्पत सिंह ने उनपर हत्या कराने जैसा गंभीर आरोप लगाया था और अब वो फिर कांग्रेस में वापसी के लिए तड़प रहे है , बाबा ने तंज कसते हुए कहा कि कम से कम मुझे उन्होंने मुझे अच्छा नेता तो कहा।
बयान के मजे लेने में बीजेपी भला कहां चूकती, कांग्रेस पर इस बयान के आधार पर उन्हें फिर एक बार हमला करने का आसान मौका जो मिल गया, इधर दीपक बैज हमेशा की तरह बाल बीजेपी के पाले में डालने की कोशिश करते हुए कहते दिखे कि निपटो निपटाओ का खेल कांग्रेस नहीं बीजेपी में चल रहा है ।
सत्ता से बाहर होने के बाद भी टीएस बाबा कई मंचों से अभी भी कहते सूने गए कि वे अब भी मुख्यमंत्री बनना चाहते है, उन्होंने स्पष्ट कहा कि आख़िर कोई मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनना चाहेगा, सब चाहते है कि मै मुख्यमंत्री बनू, बीजेपी नें चुटिले अंदाज़ में बाबा को न्योता भी दिया था कि आइए हम आपको एक दिन का मुख्यमंत्री बना कर आपके सपने को पूरा करेंगे जो कांग्रेस में नहीं हो सका
बहरहाल बृहस्पत के बयान से यह ज़ाहिर होता है कि दो साल बीत जाने के बाद भी कांग्रेस हार के असल कारणों का पता लगाने में विफल रही है, यहां यह माना जा सकता है या तो कांग्रेस हार के सभी असल कारणो को जानती है पर बृहस्पत जैसा जिगरा दिगर नेताओं के पास नहीं है जिन पर पार्टी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी है, कांग्रेस के भीतर की रस्साकस्सी कांग्रेस को ले डूबा इस बात को आम कार्यकर्ता भी नहीं नकारते, और कार्यकर्ता नेतृत्व करने वाले पार्टी के धाकड़ नेता के लिए कभी इसका मुँह तो कभी उसका मुँह तांकने को विवश होते है
कांग्रेस गर दो साल बीत जाने के बाद भी इस तरह के अंदरुनी लफड़ो में ही उलझी रही तो 2028 का राह उनके लिए क़तई आसान नहीं होने वाला, सवाल ये है कि क्या बृहस्पत का हालिया बयान पार्टी में वापसी की छटपटाहट है या फिर कांग्रेस का कड़वा सच?






