छत्तीसगढ़ में पिकअप वैन, जीप, आटो रिक्शा और तिपहिया वाहनों पर समान बेचने के लिए अब लाईसेंस जरुरी , नहीं तो भरना होगा भारी जुर्माना

अब छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्रों में सड़क किनारे कारोबार करना मुफ्त नहीं रहेगा। राज्य सरकार ने सभी छोटी-बड़ी दुकानों और गुमटी व्यवसायियों के लिए ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। नया नियम यह है कि लाइसेंस शुल्क अब दुकान के सामने की सड़क की चौड़ाई के आधार पर तय होगा—जितनी चौड़ी सड़क, उतना अधिक शुल्क देना होगा।
लाइसेंस शुल्क की पूरी डिटेल
🔴 7.5 मीटर से कम चौड़ाई की सड़क पर निगम क्षेत्र में 4 रुपये, पालिका में 3 रुपये और नगर पंचायत में 2 रुपये प्रति वर्गफुट वार्षिक शुल्क लगेगा।
🔴 7.5 से 15 मीटर चौड़ाई की सड़क के लिए निगम में 5 रुपये, पालिका में 4 और नगर पंचायत में 3 रुपये तय किए गए हैं।
🔴 15 मीटर से ज्यादा चौड़ी सड़क के लिए निगम में 6 रुपये, पालिका व नगर पंचायत में 4-4 रुपये प्रति वर्गफुट लगेगा।
गुमटी और वाहनों से कारोबार पर भी लाइसेंस जरूरी
पहले गुमटी, कच्ची दुकान या वाहन (मिनी ट्रक, पिकअप, आटो, जीप, तिपहिया) से शहर में व्यापार करने वालों को कोई लाइसेंस नहीं लगता था, लेकिन अब निगम क्षेत्र में गुमटी/कच्ची दुकान के लिए 250 रुपये, पालिका में 150 रुपये व नगर पंचायत में 100 रुपये प्रति वर्गफुट वार्षिक शुल्क देना होगा।
🔴 मिनी ट्रक, पिकअप, वैन, जीप पर सालाना 400 रुपये (निगम), 300 रुपये (पालिका) और 200 रुपये (नगर पंचायत)
🔴 ऑटो/तिपहिया पर सालाना 250 रुपये (निगम), 200 रुपये (पालिका), 150 रुपये (नगर पंचायत) प्रति वाहन
बड़े बाजारों, मोहल्लों के हिसाब से भी तय होंगे शुल्क
ट्रेंड फीस बाजार की लोकेशन पर भी निर्भर होगी। निगम क्षेत्र के बड़े बाजारों में 6 रुपये, पालिका में 3 और नगर पंचायत में 2 रुपये प्रति वर्गफुट वार्षिक फीस लगेगी। मोहल्ला व कॉलोनी की दुकानों के लिए यह शुल्क निगम में 4 रुपये, पालिका में 3 और नगर पंचायत में 2 रुपये फिक्स किया गया है।
राज्य भर में एक जैसी व्यवस्था, अनिवार्य हुआ ट्रेड लाइसेंस
छत्तीसगढ़ नगर पालिका (व्यापार अनुज्ञापन नियम 2025) के तहत राज्य के सभी 199 निकायों में यह नियम लागू हो गया है। अब हर दुकानदार को नियमों के तहत लाइसेंस लेना जरूरी है और इससे पहले की विभिन्न लाइसेंस संबंधी विसंगतियां भी दूर हो जाएंगी।
किसी भी सड़क किनारे या वाहन/गुमटी से व्यापार करने वाले को अब नगर निगम/पालिका/पंचायत से लाइसेंस लेना जरूरी होगा, अन्यथा कार्रवाई हो सकती है।






