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बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में रिकॉर्ड 65% वोटिंग, क्या बदलेगी सत्ता की तस्वीर?

Bihar Election 2025 Voting Analysis: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में इस बार मतदाताओं ने उत्साह से भाग लिया। राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत अधिक है। तब कुल वोटिंग 57.29 प्रतिशत थी। इस बढ़े हुए मतदान ने राजनीतिक विश्लेषकों और दलों के बीच नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

बढ़ी हुई वोटिंग को लेकर जहां कई लोग इसे लोकतंत्र की मजबूती मान रहे हैं, वहीं राजनीतिक दल इसके मायने अपने-अपने तरीके से निकाल रहे हैं। अक्सर देखा गया है कि जब मतदान प्रतिशत में वृद्धि होती है, तो इसे बदलाव की लहर या सत्ता परिवर्तन के संकेत के रूप में देखा जाता है। हालांकि अंतिम फैसला जनता के मूड पर ही निर्भर करता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह रिकॉर्ड वोटिंग सत्ता विरोधी लहर का नतीजा है या सुशासन के पक्ष में जनता का समर्थन।

सभी प्रमुख दल अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि जनता सरकार से नाराज है और बदलाव चाहती है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दावा है कि लोग नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की सरकार को दोबारा मौका देना चाहते हैं।

इस चुनाव में एक नया फैक्टर जनसुराज पार्टी भी है। प्रशांत किशोर के नेतृत्व में इस पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता ने चुनावी समीकरण बदल दिए हैं। उनका कहना है कि जनता अब विकल्प के रूप में जनसुराज को देख रही है।

इतिहास गवाह है कि जब भी बिहार में 5 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई, सत्ता बदली है—1967, 1980 और 1990 इसके उदाहरण हैं। अब जबकि इस बार भी 8 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ है, सवाल उठता है—क्या 2025 में भी बिहार की सत्ता में बदलाव देखने को मिलेगा?

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Regional Desk

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