भूपेश बोले टोकन अब तक नहीं बंटे ‘धान खरीदी करने सरकार की नीयत नहीं,’… भाजपा बोली ‘एक एक दाना होगी खरीदी’

प्रदेश में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है, लेकिन इससे पहले सहकारी समितियों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इसे लेकर अब प्रदेश में सियासत गर्म हो गई है। कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि हड़ताल करना उनका अधिकार है, लेकिन सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था तैयार कर ली है।”
मंत्री नेताम ने बताया कि धान खरीदी प्रभावित न हो, इसके लिए सभी कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था करने के अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि “संग्रहण केंद्रों में वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है और विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इस पर लगातार काम कर रहे हैं। सरकार किसी भी हालत में किसानों का नुकसान नहीं होने देगी।” उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा, “मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार किसानों के हित में पूरी तरह से संवेदनशील है।”
कांग्रेस के आरोपों पर मंत्री ने किया पलटवार
इससे पहले कांग्रेस ने धान खरीदी को लेकर कई आरोप लगाए थे। इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए नेताम ने कहा कि कांग्रेस का रिश्ता आखिर कोचियागिरी करने वालों से क्यों है? अवैध शराब, चखना और धान बिक्री में शामिल लोगों से कांग्रेस के संबंध हैं। कोचियागिरी करने वालों के भरोसे ही कांग्रेस चल रही है और जब कार्रवाई होती है तो कांग्रेस के नेता हल्ला मचाते हैं। मंत्री ने दोहराया कि भाजपा सरकार किसानों के हित में काम कर रही है और धान खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने धान खरीदी और किसानों की समस्या को लेकर साय सरकार पर हमला बोला है। कहा- धान खरीदी की तारीख नजदीक है लेकिन तैयारियां शून्य नजर आ रही है। टोकन नहीं मिलने के कारण किसान परेशान हो रहे हैं।
भूपेश बघेल ने कहा- 15 नवंबर से धान खरीदी की घोषणा की गई है, लेकिन सरकार की तैयारी पूरी तरह शून्य है। सरकार की उदासीनता से किसान परेशान हैं। प्रदेश में धान खरीदी के टोकन अब तक नहीं बंटे है। पोर्टल भी बंद है किसान रजिस्ट्रेशन कैसे करें, सरकार कह रही खुद रजिस्ट्रेशन करो। जब पोर्टल खुला ही नहीं तो किसान क्या करें।
बघेल ने खरीदी का लक्ष्य घटाने का लगाया आरोप
बघेल ने कहा- धान खरीदी केंद्रों के कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं जिसके कारण तैयारियां प्रभावित हो रही है। डीएपी और यूरिया की भारी कमी है, एग्रोस्टेक रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है। उन्होंने आगे कहा- सरकार ने खरीदी का लक्ष्य भी घटा दिया है, पिछले साल 25 लाख किसानों का लक्ष्य था। कोऑपरेटिव बैंक और सोसाइटी कर्मियों की जायज़ मांगों को अनसुना कर दिया गया।
सोसाइटी सिस्टम खत्म करना चाहती है सरकार
भूपेश बघेल ने कहा- हमारे समय में 3 दिन में भुगतान होता था अब सरकार ने भुगतान की समय सीमा मार्च तक बढ़ा दी है। सरकार सोसाइटी सिस्टम खत्म करना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा- मिलर्स पर दबाव और वसूली का दौर चल रहा है। 18 हजार में कोई परिवार कैसे चलाएगा। कांग्रेस हड़ताली सोसाइटी कर्मियों को पूरा समर्थन दे रही है।
सरकार का धान खरीदी का इरादा नहीं है
भूपेश बघेल ने कहा- सरकार हमारी नीति को लागू करें। सरकार का इरादा धान खरीदी करने का नहीं है। किसान आंदोलन करेंगे, सरकार जिम्मेदार होगी। बदले की भावना से तबादले किए जा रहे हैं।






