दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट : डॉक्टर उमर की 16 घंटे की दौड़ ने कैसे आतंक का बड़ा जाल खोल दिया

दिल्ली के ऐतिहासिक रेड फोर्ट इलाके में हुआ तेज धमाका पूरे देश में सनसनी बना। जांच में सामने आया कि यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश का हिस्सा थी, जिसका मकसद दिल्ली समेत कई शहरों में धमाके करना था।
फरीदाबाद से शुरू हुई कहानी
हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस ने दो युवकों — डॉक्टर उमर उन नबी और डॉक्टर मुज़म्मिल गनई — की गतिविधियों पर नजर रखी थी। दोनों पर शंका थी कि वे टेलीग्राम और सिग्नल जैसे ऐप्स से विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में थे। जब पुलिस ने फरीदाबाद के ठिकाने पर छापा मारा, तो लगभग 350 किलो विस्फोटक बरामद हुए और मुज़म्मिल को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसी दौरान उमर वहां से Hyundai i20 कार में बड़ी मात्रा में विस्फोटक लादकर निकल गया।

आतंक की 16 घंटे लंबी सड़क यात्रा
गिरफ्तारी के डर से उमर ने दिल्ली-एनसीआर में 16 घंटे सड़कों पर दौड़ लगाई। उसने बार-बार रास्ते बदले ताकि पुलिस की नजरों से बच सके। उसका उद्देश्य सबूतों को खत्म करना और किसी बड़े धमाके को अंजाम देना था।
शाम को उमर की कार दिल्ली के सबसे व्यस्त और संवेदनशील इलाके रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास पहुंची। ट्रैफिक स्लो हुआ और देखते ही देखते एक भीषण धमाका हुआ। कार जलकर राख हो गई और उमर समेत 13 लोगों की मौत हो गई।
टर्की और जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन
पुलिस जांच में पता चला कि उमर और मुज़म्मिल का प्रशिक्षण और कट्टरपंथी विचारधारा तुर्की में शुरू हुई थी। टेलीग्राम, सिग्नल जैसी ऐप्स के जरिए उन्हें ‘उकासा’ नामक हैंडलर निर्देश दे रहा था — जिसका संबंध जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत उल हिंद से बताया गया।
केवल रेड फोर्ट ही नहीं, कई स्थान थे टारगेट
गिरोह के पास तीन कारें थीं — Hyundai i20, Ford EcoSport और Maruti Brezza — जिनमें IED फिट किए गए थे। योजना थी दिल्ली, अयोध्या जैसे जगहों पर धार्मिक आयोजनों के दौरान सिलसिलेवार धमाके करने की।
फरीदाबाद में EcoSport पकड़ी गई, मगर एक कार अभी भी गायब है।

अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भंडाफोड़
इस मामले ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए कई सवाल खड़े किए हैं: कैसे साधारण डॉक्टर एक आतंकी मॉड्यूल बन गए, पैसा और हथियार किस रास्ते से आए, और तुर्की संपर्क ने क्या भूमिका निभाई?
अफसरों का कहना है कि उमर की मौत ने एक लिंक खत्म किया, मगर खतरा अभी टला नहीं। जांच जारी है कि और कौन इस नेटवर्क से जुड़ा था।






