सतनामी समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कथावाचक आशुतोष चैतन्य को मिली ज़मानत, कोर्ट ने दी सख्त चेतावनी

बिलासपुर/तखतपुर — तखतपुर के टिकरीपारा में श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के दौरान सतनामी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कथावाचक आशुतोष चैतन्य को छत्तीसगढ़ की विशेष एससी/एसटी न्यायालय से ज़मानत मिल गई है। कोर्ट ने बेल देते हुए स्पष्ट हिदायत दी है कि वे आगे से सार्वजनिक स्थानों पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी न करें।
कैसे हुआ मामला दर्ज?
कथावाचक द्वारा सतनामी समाज पर विवादास्पद टिप्पणी के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जैसे ही समाज के लोगों को जानकारी मिली, वे तखतपुर थाने पहुँच गए और कठोर कार्रवाई की मांग की। भीड़ के दबाव के कारण पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 (2) और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आशुतोष चैतन्य को गिरफ़्तार किया और कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था।

समाज ने जताई कड़ी नाराजगी
आपत्तिजनक बयान के बावजूद, कथावाचक ने माफी मांगी थी, लेकिन सतनामी समाज के लोग पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी पर अड़े रहे। एडिशनल एसपी अर्चना झा ने मामले की प्राथमिक जांच करवाकर कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया और शांति बनाए रखने की अपील की थी।
कोर्ट से सशर्त बेल मिली
इस मामले की गंभीरता समझते हुए विशेष न्यायालय ने कथावाचक को जमानत जरूर दे दी, लेकिन साथ में यह सख्त आदेश दिया कि वह समाज के किसी वर्ग के खिलाफ भविष्य में कोई अभद्र या आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करेंगे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर आगे से ऐसी कोई हरकत होती है, तो जमानत रद्द की जा सकती है।






