‘शक्ति की भक्ति’ का महापर्व आज से : ब्रह्म योग में नौका पर सवार होकर आएंगी दुर्गा, हाथी पर होगीं विदाई, 110 साल बाद दुर्लभ महासंयोग, बुद्ध बनेंगे राजा, शुक्र होंगे मंत्री
केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | शक्ति की भक्ति का महापर्व चैत्र नवरात्र आज से शुरु हो रही है। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च बुधवार से लेकर 30 मार्च गुरुवार तक रहेगा। नवरात्रि के इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना होगीं। क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े देवी मंदिर आज से आस्था की ज्योति से जगमग होगें। मंदिरों व घरों में शंख, घड़ियाल की धुन के बीच सुबह-शाम आरती होगी। आज अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाएगी। इस अवसर पर देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित की जाएगी। साथ ही घरों में भी जँवारा बोयीं जाएगी। नवरात्रि के पहले दिन परंपरा अनुसार बिरही भिगोईं गई। इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। भक्तों में भी नवरात्र को लेकर काफी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। चैत्र नवरात्र जँवारा विसर्जन के साथ समाप्त होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी। भक्त नवरात्रि के नौ दिनों का व्रत भी रखेंगे और पारण के साथ इसका समापन होगा। हालांकि जो लोग पूरे 9 दिन तक व्रत नहीं रहते हैं, वे प्रथम दिन, पंचमी के दिन और अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं। इस अवसर पर पंचमी के दिन माता का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। अष्टमी को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ हवन होगा। अंचल के प्रमुख देवी मंदिरों में हजारों मनोकामना ज्योति भक्तों द्वारा प्रज्जवलित की जाएगी। माता के दरबार को आकर्षक झालरों से सजाया गया है। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर समितियां भी इस बार विशेष तैयारी कर रखे है। इस बार भक्त सीधे गर्भ गृह तक जाकर माता की पूजा अर्चना कर सकेंगे। पहले दिन से ही पूजा अभिषेक करने भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जिन घरों में जँवारा का कार्यक्रम है वहां भक्त सुबह-शाम माता रानी की पूजा-आरती कर नवरात्रि पर्व मनाएंगे। सुबह से शाम तक देवी मंदिर जसगीत सेवा गीतों से गुंजायमान होगीं। तिल्दा-नेवरा सहित क्षेत्र के माँ महाकाली मंदिर कोल्हान नाला सारागांव, माँ बंजारी धाम खपरी मढ़ी, बगदई माता मंदिर, रणबोर धाम, बोहरही धाम पथरी, खल्लारी माता मंदिर अड़सेना, महामाया मंदिर खौना, बजरंगबली मंदिर मुरा आदि स्थानों पर मनोकामना ज्योति जलाई जाएगी।
110 साल बाद दुर्लभ महासंयोग
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल ब्रह्म योग में मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आ रही हैं और विदाई हाथी पर होगीं। इस साल नवरात्रि से ही नव संवत्सर की शुरुआत हो जाएगी। वहीं इस साल 110 साल बाद दुर्लभ शुभ योग संयोग बन रहा है। क्योंकि इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की रहेंगी। वहीं प्रतिपदा के दिन 5 राजयोग (नीचभंग, बुधादित्य, गजकेसरी, हंस और शश) बन रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार 110 साल बाद चैत्र नवरात्र पर बुध और बृहस्पति ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। जो एक महासंयोग है। नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में होगी और इसके बाद ब्रह्म योग बनेगा। ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग का भी निर्माण होगा। द्वितीय तिथि यानी को सर्वार्थसिद्धि मंगल और यश योग बन रहा है। तृतीया और अष्टमी को त्रिपुष्कर और मालव्य योग बन रहा है। चैत्र नवरात्रि के दिनों में गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, हंस योग, शश योग, धर्मात्मा और राज लक्षण योग भी बन रहा है। 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही हैं और इसी के साथ नया हिंदू वर्ष विक्रम संवत 2080 भी शुरु हो जाएगा। इस बार मीन राशि में सूर्य, गुरु, चंद्रमा और बुध ग्रह रहेंगे। मीन राशि में ग्रहों की युति से बुधादित्य योग, गजकेसरी योग और हंस योग का महासंयोग भी बनेगा। इस बार नव वर्ष के राजा बुद्ध और मंत्री शुक्र होंगे। नवरात्रि के दौरान शनि और गुरु अपने स्वराशि में रहेंगे। वहीं शनि कुंभ में तो गुरु मीन राशि में मौजूद रहेंगे।
जस सेवा गीतों की रहेगी धूम
ज्योतिषियों के मुताबिक शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व रहता है। नवरात्रि उपवास रहने वाले भक्त महाष्टमी से विसर्जन तक अपने-अपने घरों में नौ कन्या भोज कराकर माता से आशीर्वाद लेंगे। चैत्र नवरात्र के अवसर पर पूरे नौ दिनों तक देवी मंदिरों में आस्था की मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित की जाएगी। साथ ही सुबह से देर रात तक मंदिर परिसर जसगीतों से गुंजायमान रहेगा। दूर-दूर से भक्त पहुंचेंगे। भक्तों की भीड़ पूरे नौ दिनों तक रहेगी।