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CG PSC 2021 में रायपुर की बेटी अव्वल 20 वें रैंक पर भाई : प्रज्ञा ने नहीं ली कोंचिग, खुद बनाती थी नोट्स

रायपुर। पीएससी ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इसमें रायपुर के डीडी नगर के रहने वाले भाई- बहन की जोड़ी ने कमाल कर दिया। छोटी बहन प्रज्ञा नायक (25 वर्ष) ने मेरिट में पहला वहीं, बड़े भाई प्रखर नायक (28 वर्ष) ने 20वां रेंक हासिल किया है। दोनों भाई बहनों ने एक साथ पढ़ाई की और पीएससी में बाजी मार ली। दोनों का पीएससी में पहली बार सलेक्शन है। प्रज्ञा का यह दूसरा वही प्रखर का तीसरा अटेम्प्ट था। प्रथम प्रयास में प्रज्ञा का प्री भी क्लियर नही हो पाया था।

पीएससी में टॉप करने वाली रायपुर के डीडी नगर की रहने वाली प्रज्ञा ने बीए किया है। जिसके बाद वर्तमान में वह रविशंकर विश्वविद्यालय में एमए राजनीति शास्त्र की छात्रा है। प्रज्ञा यूपीएससी की तैयारी भी करना चाहती हैं। उसमें उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट राजनीति शास्त्र होगा। इसलिए वह राजनीति शास्त्र से एमए भी कर रही है। प्रज्ञा व प्रखर के पिता महेश नायक शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर है और वर्तमान में लोक शिक्षण संचालनालय में पदस्थ है। जबकि उनकी मां गृहणी है। प्रज्ञा व प्रखर का गांव मूल रूप से रायपुर के तिल्दा के पास स्थित मिनवा है। वे लोग वर्तमान में रायपुर के डीडी नगर में रहते हैं। उनके परिवार में उनके माता-पिता के अलावा दादा-दादी भी है।

प्रज्ञा ने रायपुर के मदर्स प्राइड स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा ली है। उनका 12वीं में विषय जीव विज्ञान था। 12वीं में उन्होंने 85% लाकर का बोर्ड इम्तिहान पास किया था अच्छे नंबरों के बावजूद भी उन्होंने मेडिकल फील्ड नहीं चुना। क्योकि उनका टारगेट यूपीएससी था। इसलिए उन्होंने बीए किया और राज्य प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गई। उनका अगला लक्ष्य यूपीएससी क्रैक करना है। यूपीएससी में राजनीति शास्त्र ऑप्शनल विषय लेना चाहती है, इसलिए रविशंकर यूनिवर्सिटी से एमए राजनीति शास्त्र भी कर रही है।

वही 28 वर्षीय प्रखर ने केंद्रीय विद्यालय डीडी नगर से अपने 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है। उनका 12वीं में गणित विषय था । 12 वीं में उनके 88% आए थे। जिसके बाद उन्होंने रायपुर एनआईटी से मैकेनिकल ब्रांच में बीटेक किया। 2018 में पासआउट होने के बाद उनका लक्ष्य प्रशासनिक सेवा में जाना था। जिसके चलते उन्होंने कैंपस सलेक्शन या सेवा का अवसर नहीं चुना व 2018 में बीटेक पास आउट होने के बाद दिल्ली चले गए और वहां बाजीराम कोचिंग से यूपीएससी की तैयारी करने लगे। उनका यूपीएससी में ऑप्शनल सब्जेक्ट ज्योग्राफी था। यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनका बेस काफी मजबूत हुआ और उनकी विषयों में आधारभूत पकड़ मजबूत हुई। 2 साल तक के दिल्ली में रहे फिर लॉकडाउन लगने पर राजधानी रायपुर आ गए। कोरोना कॉल में उनके व उनकी बहन के लिए आपदा में अवसर बन कर आया और दोनों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए जमकर पढ़ाई की।

प्रज्ञा ने कभी कोचिंग नहीं की। उनके बड़े भाई प्रखर यूपीएससी की कोचिंग कर दिल्ली से लौटे थे। लिहाजा अपने बड़े भाई से उन्हें पढ़ाई में काफी मदद मिली। उन्होंने बड़े भाई से उनके अनुभव पर मार्गदर्शन लिया व उनके कोचिंग मटेरियल के अलावा इंटरनेट से कई टॉपिक्स पर नोट्स बनाये। इंटरनेट का इस्तेमाल प्रज्ञा व प्रखर सिर्फ स्टडी मैटेरियल व कंसेप्ट क्लियर करने के लिए करते थे। प्रज्ञा को मुख्य परीक्षा में 882.50 व इंटरव्यू में 82 अंक मिले हैं। उनका इंटरव्यू कबीर वर्मा के बोर्ड में था। प्रज्ञा का यह दूसरा अटेंप्ट था। वह लगातार अध्ययन में जुटी रहती थी। और सरकारी साइट व डीपीआर की साइट से आंकड़े जुटाती थी। पहले प्रयास में प्री नही निकलने पर उन्होंने टॉप टेन में आना लक्ष्य बना लिया और घर मे खुद को कैद कर पढ़ाई की। उनकी सफलता का मूल मंत्र भी है कि जब तक सफलता न मिल जाए निरंतर अध्ययन करना है, रुकना नहीं है।

प्रज्ञा व उनके भाई प्रखर दोनों एक साथ तैयारी करते थे। दोनों के तैयारी की रणनीति भी एक सी थी। वह लोग प्रत्येक दिन घंटे के हिसाब से नहीं बल्कि टारगेट बनाकर पढ़ते थे। दोनों भाई बहन प्रतिदिन के लक्ष्य तय कर लेते थे कि हमें इतना सिलेबस आज कंप्लीट करना ही है। जिसके बाद वह यह नहीं दिखते थे कि इसे पूरा करने में हमें कितने घंटे लगेंगे। दोनों भाई बहनों ने पीएससी के लिए कोई कोचिंग नही की है। हालांकि प्रखर ने यूपीएससी के लिए दिल्ली से कोचिंग की थी। जिसका लाभ उन्हें स्वयं भी मिला व उन्होंने अपनी बहन को भी अपने अनुभव से मार्गदर्शन दिया। दोनों ने घर पर ही रह कर यूपीएससी की तैयारी की और बाजार से टेस्ट सीरीज खरीद कर आंसर लिखने का भी काफी प्रैक्टिस किया।

प्रखर ने केंद्रीय विद्यालय डीडी नगर से 88% अंकों के साथ बोर्ड की परीक्षा पास की थी। टेक्निकल में डिग्री लेने के बाद वह सिविल सेवाओं की तैयारी में जुट गए थे। उन्होंने 2 साल रायपुर और 3 साल घर पर रहकर तैयारी की। प्रखर बताते हैं कि उन्होंने इस परीक्षा को अपने पांच साल दिए हैं। हालांकि प्रखर के अनुसार आगे अब यूपीएससी के बारे में वे समय के साथ सोचेंगे। प्रखर का यह तीसरा अटेंप्ट है। 28 वर्षीय प्रखर को मुख्य परीक्षाओं में 763 व इंटरव्यू में 60 नंबर मिलें है।

ये हैं टॉपर

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