एमटेक में प्रवेश के लिए अब जरूरी नहीं गेट या नेट, तकनीकी विवि ने बदले नियम
रायपुर। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि अध्ययनशाला में संचालित पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अब ग्रेज्यूएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग अर्थात गेट अथवा नेशनल एप्टीट्यूट टेस्ट अर्थात नेट की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे छात्र जिन्होंने गेट या नेट नहीं दिलाया है वे भी एमटेक में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन छात्रों के लिए सीएसवीटीयू प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करेगा। इसमें प्राप्तांकों के आधार पर तकनीकी विवि छात्रों को दाखिला देगा। इसके उलट गेट अथवा नेट दिला चुके छात्रों को किसी तरह की प्रवेश परीक्षा दिलाने की आवश्यकता नहीं होगी । गेट-नेट के प्राप्तांक उनके प्रवेश के आधार बनेंगे। अब तक एमटेक के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया तकनीकी शिक्षा संचालनालय द्वारा पूर्ण की जाती थी, लेकिन अब इसे सीएसवीटयू पूर्ण करेगा। नए नियम मौजूदा सत्र से ही लागू कर दिए गए हैं। विवि अध्ययनशाला में संचालित पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त तय की गई है। विवि द्वारा इस संदर्भ में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
देशभर से छात्र ले सकेंगे हिस्सा
एमटेक के अंतर्गत विवि शिक्षण विभाग में एनर्जी एंड इनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मास्टर ऑफ प्लानिंग जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं। सभी पाठ्यक्रम में 18- 18 सीटें हैं। इनमें से 13 सीटें प्रदेश के छात्रों के लिए है, वहीं 5 सीटें प्रायोजित कोटे के अंतर्गत रखी गई हैं। अर्थात इसमें दूसरे राज्यों के छात्र भी दाखिला ले सकेंगे। यदि सीटें नहीं भरती हैं तो इसे राज्य के छात्रों के लिए खोल दिया जाएगा। प्रायोजित कोटे की सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा आवश्यक नहीं होगी, शेष सभी नियम लागू रहेंगे। वहीं बीई-बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए व्यापम द्वारा आयोजित प्री इंजीनियरिंग टेस्ट ही मान्य रहेंगे। अर्थात इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश मिलेंगे। इसके परिणाम इस माह जारी होने की संभावना है। इसके बाद तकनीकी शिक्षा संचालनालय काउंसिलिंग प्रारंभ करेगा ।
गेट-नेट को प्राथमिकता
सीएसवीटीयू के जनसंपर्क अधिकारी के. भारद्वाज ने बताया है कि ,ऐसे छात्र जो गेट-नेट नहीं दिला सके हैं, वे भी एमटेक के लिए आवेदन कर सकते हैं। सीट से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में विवि द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्थान पर गेट-नेट के रैंक को प्राथमिकता दी जाएगी।