जिन नियमों के तहत राम रहीम को मिल रही पैरोल, सरकार बाकी कैदियों की अर्जियों पर भी करे विचार, हाईकोर्ट का निर्देश
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल पर बार-बार रिहा किए जाने के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि जिन नियमों के तहत राम रहीम को पैरोल मिल रही है, सरकार को बाकी कैदियों की अर्जियों पर विचार करना चाहिए.
टीओई के मुताबिक, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने के लिए भी कहा है कि क्या राम रहीम जैसे समान अपराध वाले जेल कैदियों को भी नियमों के तहत पैरोल दी गई है. इसको लेकर अदालत ने कैदियों की अर्जियों पर अधिकारियों द्वारा लिए गए फैसलों के संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति निधि गुप्ता की खंडपीठ ने एसजीपीसी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए.
SGPC ने फरवरी में दायर की थी याचिका
फरवरी में दायर की गई एसजीपीसी की याचिका के अनुसार, राम रहीम की पैरोल के लिए उसी महीने पारित डिविजनल कमिश्नर के आदेश को देखने से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि उन्हें एक मामले में अस्थायी रिहाई दी गई थी जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था. जिसके बारे में कोई संदर्भ नहीं दिया गया था. राम रहीम को दो अलग-अलग हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया, जिसके लिए उन्हें 17 जनवरी, 2019 और 18 अक्टूबर, 2021 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
21 दिन की पैरोल के बाद जेल पहुंचे राम रहीम
इस बीच राज्य सरकार द्वारा दी गई 21 दिन की फर्लो के राम रहीम बुधवार को रोहतक की सुनारिया जेल पहुंचे. इससे पहले उन्हें कुल 70 दिनों के लिए जेल से रिहा किया गया है.