रायपुर संभाग

वार्षिकोत्सव में भी ‘राम नाम’ की धूम : रायखेड़ा स्कूल में बच्चों ने दी भावपूर्ण प्रस्तुति, नृत्यों में बिखरी लोकसंस्कृति की खुशबू

केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | शासकीय हाईस्कूल परिसर रायखेड़ा में बुधवार को वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दी। कार्यक्रम में शासकीय प्राथमिक शाला, पूर्व माध्यमिक शाला, हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल एवं स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुति दी। सुर, लय, ताल के अनूठे संगम के मध्य नृत्यों की जुगलबंदी ने दर्शकों का मन मोह लिया। सुरों के बीच गूंजती स्वरलहरियां और नृत्यों की झलक में संस्कृति और परंपरा की विविध रंग देखने को मिला। स्कूली कलाकारों ने सुर लय ताल की त्रिवेणी बहाई तो गीत में पगे नृत्य की निर्झर धारा का फव्वारा देर शाम तक फूटता रहा। गीतों और नृत्यों पर थिरकता माहौल जैसे-जैसे आगे बढ़ा चारों ओर उल्लास-उमंग और उत्साह नाच उठा। परम्परागत चोली एवं रंगबिरंगी परिधानों में सजे बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। आकर्षक वेशभूषा में युवा अपने साथियों के साथ लोक धुनों पर एक लय में झूमते नजर आए। तो वहीं दर्शक दीर्घा भी थिरकने से खुद को रोक नहीं पाए। बारहवीं के छात्रों ने सैनिकों की जीवन पर अद्भुत प्रस्तुति दी। इस दौरान शहीद जवान को कंधे पर उठाया तो पीछे बैठे दर्शकों ने भी खड़े होकर अपनी संवेदना प्रकट की। वहीं बालिकाओं ने मुख अभिनय कर तीन प्रकार के व्यसनों के बारे में बताया और जागरूक किया। बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पारंपरिक गीतों पर नृत्यों की प्रस्तुति के साथ-साथ करमा, ददरिया, पंथी, बारहमासी, सुवानृत्य, जसगीत व राऊत नृत्यों की प्रस्तुति ने खूब तालियां बटोरी। वहीं देशभक्ति नृत्यों ने भी खूब वाहवाही लुटी। कार्यक्रम में नन्हे बच्चों ने भी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की खुशबू बिखेरते हुए ऐसा रंग जमाया कि लोग एकटक देखने मजबूर हो गए। इस दौरान शिक्षाप्रद नाटकों के द्वारा भी बच्चों ने लोगों का दिल जीत लिया।

मिट्टी की पुकार की जीवंत अभिनय

हाईस्कूल के बच्चों ने मिट्टी की पुकार की जीवंत प्रस्तुति दी। इसके जरिए धरती माता की पीड़ा को दिखाया गया। किसान प्राकृतिक खेती को छोड़कर रासायनिक खेती कर जमीन को बंजर कर रहे हैं। बताया गया कि, जल का स्तर नीचे चला जा रहा है। जहरीले खाद्य से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता घट रही है। जैसी ही मै तुम्हारी मां हूँ, मै मिट्टी हूँ, मै धरती माता हूँ का उदघोष हुआ तो दर्शकों ने भी तालियां ठोककर अपनी उपस्थिति का अहसास करा दिया। शिक्षाप्रद नृत्य के माध्यम से संदेश दिया गया कि, धरती एक है, परिवार एक है और भविष्य भी एक है। इस दौरान तालियों की बौछार से पूरा पंडाल गुंज उठा।

रामकथा पर भावपूर्ण प्रस्तुति

वार्षिक स्नेह सम्मेलन में भी राम का नाम और रामकथा हावी रहा। इंग्लिश मीडियम के बच्चों ने हम इंडिया वाले की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। वहीं मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे की प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। रामकथा पर आधारित राम-भरत मिलाप की भावपूर्ण प्रस्तुति से माहौल राममय हो गया। हाईस्कूल की 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं ने नृत्य के जरिए अनेकता में एकता को चरितार्थ करती भिन्न-भिन्न राज्यों की संस्कृति को पेश कर मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान जिस देश में गंगा रहता है, आरूग हे कलशा दाई जैसे गीतों पर भी नृत्य प्रस्तुत की गई।

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