छत्तीसगढ़रायपुर संभागसरगुजा संभाग

CGNews : 20 साल अपने बेटे के लिए भटकते रहे दंपत्ति !…कब्र खोद कर लाश का DNA टेस्ट कराने महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने दिया आदेश

CGNews : अंबिकापुर में कलेक्टर सभा कक्ष में बुधवार को उस समय सभी चौंक गए जब एक दंपति ने कब्र खोदने की मांग महिला आयोग की अध्यक्ष से की. कुछ समय बाद छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने उस दंपति की मांग पर सहमति जताई. इसके बाद जशपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्रवाई करते हुए कब्र खोदने के आदेश दिए.

इसके साथ ही मृतक युवक के शव का DNA टेस्ट कराने को भी कहा. दरअसल, पीड़ित महिला का नाम कौशल्या बड़ाइक पति चमरु बड़ाइक है. वो दोनें ग्राम झरगा थाना दुलदूला जिला जशपुर के रहने वाले हैं.

लड़की का शव हाथ में थमा दिया था
कौशल्या ने बताया कि वर्ष 2000 में उन्होंने एक स्वस्थ्य बालक को होलीक्रास कुनकुरी में जन्म दिया था. इसकी जानकारी खुद वहां के चिकित्सकों और नर्सों ने उनके पति को दी थी. सिजेरियन ऑपरेशन होने की वजह से वह बेहोश थीं. एक दिन बाद उन्हें यह जानकारी दी गई कि उनके बच्चे को अस्पताल के नर्सरी वार्ड में रखा गया है.

कौशल्या ने बताया कि उनके पति चमरु बड़ाइक शासकीय शिक्षक के पद पर तैनात हैं. इसलिए उस दौरान उन्हें नौकरी करने स्कूल भी आना-जाना पड़ता था. तीन दिन बाद जब अस्पताल से कौशल्या की छुट्टी हुई, तो उन्हें एक लड़की का मृत शव थमा दिया गया.

अस्पताल के डॉक्टर्स ने कहा कि कौशल्या ने उसी बच्ची को जन्म दिया था. ऐसी स्थिति में उन्होंने इसकी शिकायत थाने में भी की, लेकिन उनके साथ के लोगों ने गवाही देने से इंकार कर दिया. इसके कारण मामला समाप्त हो गया. कौशल्या बड़ाइक ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनका बच्चा जीवित है.

वह इसके लिए लगातार 100 किलोमीटर साइकिल से इस बात का पता लगाने में जुट गईं कि उस दौरान और किन-किन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया था. इसी बीच में जानकारी मिली कि उनके गांव से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम चेरइ डांड पतरा में उनका बेटा पल रहा है.

इसके बाद कौशल्या और उसके पति चेरइ डांड पतरा पहुंचे. उन्होंने बच्चे से मेल-जोल बढ़ाया और लगातार उससे मिलने जाते थे. इसी बीच जब बच्चे के घरवालों को इसकी जानकारी हुई, तो वे इसका विरोध करने लगे. मगर, इसकी जानकारी पूरे क्षेत्र में फैल गई. कुछ दिनों बाद उस महिला की मृत्यु हो गई, जहां बच्चे की परवरिश हो रही थी.

परिवार ने कौशल्या से की लड़के को गोद लेने की पेशकश
कौशल्या ने बताया कि बच्चा हूबहू उनके पति के समान दिखाई देता था. इससे उनके साथ ही गांव वालों तक यह यकीन हो गया कि वह बच्चा उनका ही है. इसी दौरान एक दिन जहां कौशल्या के बच्चे की परवरिश हो रही थी, वहां के कुछ लोग कौशल्या के पास यह प्रस्ताव लेकर पहुंचे कि उक्त बच्चे को वे गोद ले लें. इसके बाद उनको पूरी तरह से यकीन हो गया कि वह बच्चा उन्हीं का है.

कौशल्या बड़ाइक की मानें, तो इस बात को लेकर वे काफी खुश थीं कि अब उन्हें उनके पुत्र मिल जाएगा. पीड़िता ने महिला आयोग में 10 अगस्त 20 को आवेदन कर अपने बेटे पर दावा किया. दो-तीन सुनवाई के बाद राज्य महिला आयोग ने 21 जून 22 को फैसला सुनाया कि बच्चों का डीएनए टेस्ट कराया जाए.

लड़के का नहीं काराया डीएनए टेस्ट, हो गई उसकी मौत
फैसला आने के बाद बच्चे को लेकर उसके परिजन कहीं चले गए और डीएनए टेस्ट नहीं हो सका. इसी दौरान 15 जून 23 को बच्चे की मृत्यु हो गई. इसके बाद 28 फरवरी 24 को राज्य महिला आयोग ने अंबिकापुर कलेक्ट्रेट में मृत बच्चे का डीएनए टेस्ट करने का निर्देश जिला कलेक्टर और एसपी जशपुर को कहा है.

20 साल के बच्चे की अचानक मौत हो गई. जहां वह रहता था, उन लोगों ने उसका अंतिम अपने धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार कर कब्र में दफन कर दिया. कौशल्या का कहना है कि जीवन में वह अपने पुत्र को अपना पुत्र नहीं कह सकी हैं. ऐसे में उसकी मृत्यु के बाद यह साबित करना चाहती हैं कि वह उसी का पुत्र था.

लिहाजा, उन्होंने महिला आयोग से मांग की है कि उसके पुत्र के शव के अवशेष का डीएनए टेस्ट कराया जाए, ताकि इस बात को पुख्ता तौर पर मान्यता मिले कि वह उसका ही पुत्र था. मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कब्र खोदकर बच्चे के शव का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दे दिया है.

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
news36 से जुड़िए
जोहार...आपकी क्या सहायता कर सकते है