छत्तीसगढ़

ED की कार्रवाई के बाद उप सचिव सौम्या चौरसिया निलंबित, 14 दिन का बढ़ा रिमांड

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को ईडी की कार्रवाई के बाद सस्पेंड कर दिया गया 15 दिसंबर को जारी एक आदेश के मुताबिक सौम्या को उपसचिव की जिम्मेदारी से हटाया गया है.समीर बिश्नोई के बाद अब सौम्या चौरसिया पर ईडी की कार्रवाई की गाज गिरी है.सौम्या चौरसिया के ऑफिस में तैनात सभी स्टाफ को जीएडी ने हटा दिया है.

2 दिसंबर को सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार किया था.बारह दिनों तक हिरासत में लेकर ईडी ने सौम्या से पूछताछ करने के बाद 14 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया था. इसके बाद उन्हें 19 दिसंबर तक यानी आज तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था.आज वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी हुई. कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड बढ़ा दी है. कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की रिमांड 2 जनवरी तक बढ़ाई है. 2 दिसम्बर को ईडी ने जमीन खरीदी बिक्री के मामले में सौम्या को गिरफ्तार किया था.

क्या है सौम्या मामले में ईडी की दलील
ईडी के वकील डॉ सौरभ कुमार ने बताया कि ” सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद हमने ईडी रिमांड लिया था. ईडी की रिमांड 12 दिन की थी, जो समाप्त हुई है. उसके बाद हमने खुद ही माननीय न्यायालय से रिक्वेस्ट किया था कि ज्यूडिशियल कस्टडी में दे दिया जाए. लेकिन इन्वेस्टिगेशन और उनसे जो जानकारी प्राप्त हुई, उसके अनुसार हमारी इन्वेस्टिगेशन जारी है. इसलिए उनकी ज्यूडिशियल कस्टडी को एक्सटेंड करने के लिए आज हमने एप्लीकेशन पेश किया. तर्क सुनने के बाद माननीय न्यायालय के द्वारा स्वीकार किया गया है और उनकी ज्यूडिशल कस्टडी 2 जनवरी तक एक्सटेंड किया है. आशा है कि जल्दी इन्वेस्टिगेशन पूरा हो जाएगा. उसके बाद हम लोग न्यायालय के समक्ष अपना अभियोजन प्रस्तुत करेंगे.”

क्यों किया गया निलंबित
नियम के मुताबिक यदि कोई भी कर्मचारी गिरफ्तार होता है तो उसे दो दिनों के अंदर निलंबित किया जाना होता है, लेकिन यदि कर्मचारी को जेल भेजा जाता है तो भी निलंबन की कार्रवाई होती है.ऐसे में सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी 2 दिसंबर को हुई थी. लिहाजा उन्होंने 4 दिसंबर तक निलंबित किया जाना था. लेकिन कोर्ट में 14 तारीख की पेशी के बाद जब सौम्या को 19 दिसंबर को जेल भेजा गया. तब सामान्य प्रशासन विभाग अगले ही दिन यानी 15 दिसंबर को सौम्या के निलंबन का आदेश जारी किया.

निलंबित आईएएस समेत 4 कारोबारी पहले से ही न्यायिक रिमांड पर: प्रवर्तन निदेशालय ने 11 अक्टूबर को राज्य के कई जिलों में एक साथ छापेमारी कार्रवाई की थी.इस कार्रवाई के बाद निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनिल अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. इन चारों आरोपियों को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर कोर्ट ने 10 दिसबंर को जेल भेज दिया है. उस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था कि इन सभी की पेशी जेल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से होगी. आवश्यक्ता पड़ने पर ही कोर्ट में पेश किया जाएगा.

आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में छापे के बाद किया था बड़ा खुलासा: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले साल जून में बड़ा खुलासा किया था. आयकर विभाग ने तब कहा था कि ”छत्तीसगढ़ में छापेमारी के बाद 100 करोड़ से ज्यादा का कथित हवाला रैकेट संचालित है. यह लेन देन औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से हटकर हुआ है”. सौम्या चौरसिया के ठिकानों पर साल 2020 में भी छापा मारा गया था.

अक्टूबर में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई को किया गया था गिरफ्तार
ईडी ने अक्टूबर में राज्य के एक आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और दो अन्य लोगों को छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. ईडी द्वारा आयकर विभाग की एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच की गई थी. जिसमें छत्तीसगढ़ में कथित घोटाले की बात जांच एजेंसियों ने की थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक वरिष्ठ नौकरशाहों के एक कार्टेल द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की बात सामने आई थी. इसमें व्यवसायी, राजनेता और बिचौलिए के शामिल होने की भी बात सामने आई थी.

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