सारागांव में कलश यात्रा के साथ भागवत कथा शुरू : पहले दिन पंडित घनश्याम तिवारी ने व्यास पीठ से सुनाई कथा, कहा- ‘कथा सुनने वाला जन्म-मरण के बंधन से हो जाता है मुक्त’
केशव पाल, NEWS 36 @ तिल्दा-नेवरा | स्व. डोरी लाल वर्मा की स्मृति में वर्मा परिवार की ओर से ग्राम पंचायत चौक सारागांव में आयोजित हो रही श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का मंगलवार को भव्य कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुई। कथा से पूर्व महिलाओं ने सिर पर कलश लेकर बाजे-गाजे के साथ कलश यात्रा निकाली। इस दौरान सैकड़ों महिलाएं पीतांबरी साड़ी धारण कर मंगल कलश सिर पर लेकर प्रभु का गुणगान करते हुए चल रही थी। कलश यात्रा के आगे-आगे मुख्य यजमान अपने सिर पर पोथी लेकर चल रहे थे। इस दौरान सर्वप्रथम महामाया मंदिर में माता की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात पुरानी बस्ती, गाँधी चौक, बस स्टैंड मार्ग होते हुए अंतिम में पंचायत चौक पर बने कथा पंडाल में आकर कलश यात्रा समाप्त हुई।
कलश यात्रा में वर्मा परिवार के सदस्य व ग्रामीण महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुए। कलश यात्रा के बाद कथावाचक कथावाचक भागवत भूषण पंडित घनश्याम तिवारी ने व्यास पीठ से श्रोताओं को पहले दिन की कथा का रसपान कराया। इस दौरान उन्होंने व्यास गद्दी से भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत के श्रवण से भक्त का कल्याण होता है और जीवन में सुख-शांति का अनुभव होता है। उन्होंने आगे कहा कि, श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का अवसर बडे़ ही सौभाग्य से प्राप्त होता है। इसलिए मनुष्य को भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, मनुष्य को काम क्रोध लोभ मोह त्याग कर ईश्वर भक्ति करनी चाहिए। तभी मनुष्य जीवन की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने कर्मों के कारण दुख भोगता है इसलिए लोगों को सत्संग की शरण लेनी चाहिए।
उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है। कथा सुनने मात्र से जीव, जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। कथा व्यास ने कहा कि भगवत श्रवण से जीव के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। अंत में भागवत भगवान की सामूहिक आरती उतारी गई। कथा 20 से 28 दिसंबर तक दोपहर 01 बजे से शाम 05 बजे तक आयोजित होगी।