छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

Chhattisgarh – मंडीप खोल गुफा में लोगों पर टूट पड़ी मधुमक्खियां 12 घायल , भारत की दूसरी सबसे बड़ी गुफा, साल में खुलता है एक बार

Chhattisgarh – छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ठाकुरटोला गांव के पास सघन जंगलों के बीच स्थित मंडीप खोल गुफा को आज लोगों के दर्शन के लिए खोला गया था। गुफा खुलते ही अंदर स्थित शिवलिंग की पूजा अर्चना करने दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस बीच, गुफा के पहुंच मार्ग में पेड़ पर बने मधुमक्खियां के छाता पर कुछ लोगों ने पत्थर मार दिया। जिसके बाद मधुमक्खियां दर्शनार्थियों पर टूट पड़ी। मधुमक्खियां के काटने से करीब 12 लोग घायल हो गए। लोग जंगल से भागने लगे। कुछ देर तक भगदड़ जैसी स्थिति रही। गौरतलब है कि मंडीप खोला गुफा वर्ष में एक बार अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार को लोगों के दर्शन के लिए खोली जाती है।

भारत की दूसरी सबसे बड़ी गुफा
छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक धरोहरों का भंडार है। यहां कई घने जंगल, झरने, नदियां, पहाड़ और कई गुफाएं हैं। लेकिन खैरागढ़ जिले के घने जंगल में स्थित मंडीप खोल गुफा, विश्व की 6वीं और भारत की दूसरी सबसे बड़ी (गहरी और लंबी) गुफा मानी जाती है। मंडीप खोल गुफा में भक्ति और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है। भगवान शिव को समर्पित यह प्राकृतिक गुफा साल में केवल एक बार ही खुलती है।

घने जंगल में में स्थित है गुफा, साल में खुलती है मात्र एक दिन
इस बार मंडीप खोल गुफा 13 मई (सोमवार) को खुलने वाली है। बता दें, खैरागढ़ जिले के छुईखदान विकासखण्ड के ग्राम ठाकुरटोला के समीप घने जंगलों के बीच मंडीप खोल स्थित है। इस गुफा को हर साल अक्षय तृतीया के बाद पहले सोमवार को पर्यटकों के लिए खोला जाता है। जिसमें अन्य राज्यों के पर्यटक भी भारी संख्या में मंडीप खोल गुफा को देखने पहुंचते हैं। गुफा दर्शन को लेकर खास तैयारियां इस खास गुफा को खोलने से पहले यहां पर्यटकों के लिए सुरक्षा और जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।

खैरागढ़ कलेक्टर चन्द्रकांत वर्मा ने शनिवार को मंडीप खोल गुफा और आस-पास के कई स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने गुफा खोलने से पहले साफ-सफाई, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कलेक्टर ने वन विभाग के अधिकरियों को बांस तथा बल्लियों के बैरिकेटिंग तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे गुफा के अंदर श्रध्दालु क्रम अनुसार प्रवेश कर सके। सेतगंगा कुड का पानी गंगा की तरह शुद्ध बता दें, यहां आने वाले पर्यटक सर्वप्रथम सेतगंगा के नाम से प्रचलित कुंड पर स्नान के बाद मंडीप खोल गुफा के अंदर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं।

सेतगंगा कुड की ऐसी मन्याता है कि, यह का पानी गंगा जल की तरह शुध्द है, जो कभी खराब नहीं होता और ना ही इस जल में कीड़े लगते हैं। चमगादड़ गु्फा ठाकुरटोला के सरपंच ने बताया कि यही सेतगंगा कुंड के अंदर चमगादड़ गुफा के नाम से विख्यात गुफा है। जिसमें हजारों की संख्या में चमगादड़ रहते हैं। जहां दिन में भी काफी अंधेरा होता है, यहां के पत्थरों पर टॉर्च की रौशनी तारों की तरह प्रतीत होता है। गुफा की कई हिस्से अब तक अनछुए पंडित राधामोहन ने बताया कि यह गुफा विश्व की छठवीं और भारत की दूसरी सबसे बड़ी गुफा है। गुफा का अंतिम हिस्सा आज तक अबूझ है। इसके साथ ही गुफा के अधिक गहराई में जाने पर तालाब जैसे कुंड होना बताया जाता है।

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
news36 से जुड़िए
जोहार...आपकी क्या सहायता कर सकते है, अपने आस पास की खबरें हमें भेज सकते है