बच्चे भविष्य में परिवार के आधार स्तंभ , दो कुलों को करती है संरक्षित : एडिशनल एसपी अर्चना झा (एनटीपीसी सीपत में बालिका सशक्तिकरण अभियान की शुरुआत)
एनटीपीसी दे रहा बेटियों के सपनो को नई उड़ान , 50 ग्रामो के 117 बालिकाओं को मिल रहा प्रशिक्षण
सीपत :— एनटीपीसी सीपत में नैगम सामाजिक पहल के अंतर्गत 17 मई को बालिका सशक्तिकरण अभियान की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह 19 मई रविवार को हुआ। इस अभियान में 31 परियोजना प्रभावित गांवों में से 50 स्कूलों की 117 बालिकाओं को शिक्षा खेलकूद जीवन कौशल विषय पर प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
एनटीपीसी सीपत प्रत्येक बैच से 10 प्रतिभावान बालिकाओं को परियोजना में स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल में 12 वीं तक निः शुल्क शिक्षा प्रदान करती है। इस कार्यक्रम के तहत पहले बैच की लड़कियों ने इस वर्ष अपनी 10वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त किए। इनमें से एक छात्रा साक्षी देवांगन ने 10 वीं बोर्ड परीक्षा में 79% अंक प्राप्त किए। साक्षी ने अपनी यात्रा को साझा किया और एनटीपीसी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उद्घाटन समारोह में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा , अनिल शंकर शरण महाप्रबंधक(प्रचालन व अनुरक्षण) , श्रीजित कुमार महाप्रबंधक सीपीजी-2 , सहित श्रीमती नम्रता शरण, श्रीमती अर्पिता पॉल संगवारी महिला समिति के उपाध्यक्षा व वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।
श्रीमती अर्चना झा ने अपने भाषण में एनटीपीसी के बालिका सशक्तिकरण अभियान कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें अवसर दें। बच्चों को पहचानना जरूरी है कि उनमे किस प्रकार की रुचि है। बच्चे भविष्य में परिवार के आधार स्तंभ है। वे दो कुलों को संरक्षित व ससंस्कृत करने वाली है। इन्हें शिक्षित करने से हमारा देश का भविष्य उज्ववल होगा। बच्चों में सीखने की अपार क्षमताएं होती है। पालक उनके केवल पढ़ाई नही बल्कि सभी गतिविधियों में ध्यान दें। श्रीमती झा ने समाज के विकास में लड़कियों की मुख्य भूमिका पर जोर दिया।
श्री अनिल शंकर शरण महाप्रबंधक (प्रचालन व अनुरक्षण) ने युवा लड़कियों को इस कार्यक्रम द्वारा प्रदान की गई मंच का लाभ उठाने और अपनी पूर्ण क्षमता को विकसित करने के लिए प्रेरित किया। जिससे उनके सपनों को उड़ान मिल सके।
इन लड़कियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता योग स्वायत्त रक्षा कला और शिल्प प्रदर्शनी कला संचार के अलावा अकादमिक कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त होगा ताकि उनके विकास को संजीवनी मिल सके। इस पहल से 117 बालिका निरंतर सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए समर्थ हो सके।