गरियाबंद का लक्ष्मी नारायण अस्पताल सील, बिना जांच के कर दिया ऑपरेशन, महिला की हो गई मौत
गरियाबंद । जिले में पेट दर्द का इलाज कराने आई आदिवासी महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि महासमुंद मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर बिना किसी डॉक्टर से राय लिए ऑपरेशन कर दिया था। जिससे गर्भवती महिला की मौत हो गई। इस मामले में एक्शन लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्मी नारायण हॉस्पिटल को सील कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, गैंदी बाई की मौत 10 मई को रायपुर के लक्ष्मी नारायण अस्पताल में हो गई थी। इस पूरे मामले में 22 मई को मृतका के पति और परिजनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। जिसमें कई बिंदुओं पर अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था।
स्वास्थ्य विभाग ने किया अस्पताल सील
कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर सीएमएचओ गार्गी यदु ने जांच टीम गठित कर कार्रवाई तेज कर दी है। इलाज से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। साथ ही 23 मई को अस्पताल प्रबंधन को नोटिस भी थमा दिया गया था। जवाब संतोषप्रद नहीं होने के कारण प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया है। जब्त दस्तावेज में जांच टीम को हिस्टोपैथ की जांच रिपोर्ट मिली। जिससे गैंदी बाई गर्भवती (एक्स्ट्रा यू ट्राईज प्रेगनेन्सी ) होने की पुष्टि की गई है। कैंसर के आरंभिक लक्षण के आधार पर बच्चा दानी का ऑपरेशन करने के बाद अंदर मिले मांस के टुकड़े को अस्पताल प्रबंधन ने जांच के लिए भेजा था।
दो बार पेट में लगाया गया चीरा
जहां जांच में पाया गया कि, प्रबंधन ने बगैर एक्सपर्ट ओपिनियन के ही ऑपरेशन कर दिया। एक नहीं दो बार पेट में चीरा लगाने की भी पुष्टि हुई है। ऑपरेशन से पहले ना तो गाइनिकोलोजिस्ट से ना ही प्रेगनेसी यूरिन टेस्ट कराया गया था। बताया जाता है कि, ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर सिविल सर्जन महासमुंद मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। जांच टीम उक्त चिकित्सक द्वारा फ्री लॉस कार्य करने के लिए बनाए नियमों का पालन किया गया है या नही, ऑपरेशन अवधि में कार्य स्थल किस जगह बताया गया, इन तमाम बिंदुओं पर जांच करेगी।
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