छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

Chhattisgarh News : झीरम के बरसी बर बरसे दीपक बैज…पीड़िया मुठभेंड को लेके भी उठाए सवाल…HC के जज की निगरानी में जांच की मांग

Chhattisgarh News : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीजापुर के पीडिया में विगत दिनों सुरक्षा बलों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई थी. 10 मई 2023 को हुए इस मुठभेड़ में 12 लोगों की मौत हुई थी. इस घटना में 6 लोग घायल हुए, जिसके संबंध में पुलिस का दावा था कि मारे गये सभी लोग नक्सली थे. लेकिन घटना के बाद पीडिया और ईतवार के ग्रामीणों का कहना है कि घटना में मारे गये सभी लोग नक्सली नहीं थे.

पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीजापुर के पीडिया में विगत दिनों सुरक्षा बलों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई थी. 10 मई 2023 को हुए इस मुठभेड़ में 12 लोगों की मौत हुई थी. इस घटना में 6 लोग घायल हुए, जिसके संबंध में पुलिस का दावा था कि मारे गये सभी लोग नक्सली थे. लेकिन घटना के बाद पीडिया और ईतवार के ग्रामीणों का कहना है कि घटना में मारे गये सभी लोग नक्सली नहीं थे. ग्रामीणों के इस दावे के बाद प्रदेश कांग्रेस ने घटना की स्थिति जानने एक जांच दल का गठन किया था, जो मौके पर गई और ग्रामीणों से बातचीत कर घटना के संबंध में जानकारी ली.

जांच दल ने परिजनों के बयान किए दर्ज
16 मई को जांच दल सुबह 10:00 बजे बीजापुर से पीडिया के लिए संयोजक संतराम नेताम, सदस्यगण मान. विधायक इन्द्रशाह मंडावी, विक्रम मंडावी, जनकलाल ध्रुव, सावित्री मंडावी, रजनू नेताम, शंकर कुडियम व छविन्द्र कर्मा रवाना हुए. अस्वस्थ होने के कारण पूर्व विधायक देवती कर्मा जांच दल में शामिल नहीं हो पाई. पीड़ित परिवार के परिजन श्रीमती सुक्की कुंजाम, कु. ललिता, श्रीमती अवलम समली, बुधरू राम बारसे, श्रीमती पोदिया, श्रीमती बोदे से अलग-अलग पुछताछ कर बयान लिया गया, जिन्होंने अपने बयान में बताया कि पीडिया नक्सली मुठभेड़ में मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम, पालनार निवासी कल्लू पुनेम, ईतावार निवासी-लक्खे कुजाम, उण्डा छोटू, उरसा छोटू सुक्कू ताती, चैतु कुंजाम, सुनीता कुजाम, क जागो बरसी, पीडिया निवासी सन्नु अवलम, भीमा ओयाम, दुला तामो को पुलिस ने नक्सली बताकर मार दिये. ईत्तावार निवासी कु. कुंजाम गुल्ली, कु. लेखा देवी, कुंजाम जिला, कुंजाम बदरू एवं पीडिया निवासी पोयाम नन्दू को घायल होना बताये. उन्होंने यह भी बताया गया है कि मृतक मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम एवं पालनार निवासी कल्लू पूनेम नक्सली गतिविधियों में संगम सदस्य के रूप में कार्य करते थे. बाकि शेष मृतक व घायल किसी भी प्रकार के नक्सली गतिविधियों में शामिल नहीं थे. पुलिस निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर ईनाम एवं प्रमोशन लेने के लिए घटना को अंजाम दिये है घटना का न्यायिक जांच होना चाहिए.

मुठभेड़ में 12 कथित नक्सलियों की गई थी जान
बता दे कि बीजापुर के थाना-गंगालूर के अतिसंवेदनशील गांव पीडिया व ईतावर के ग्रामीण 10 मई को सुबह करीब 6 बजे पीडिया जंगल में तेन्दुपत्ता तोड़ने गये थे. इसी बीच पुलिस गश्त करते हुए पीडिया जंगल पहुंचा मृतक व घायल लोग पुलिस को देखकर भागने लगे कुछ लोग पेड़ के ऊपर चढ़ गये. इसी दौरान पुलिस अंधाधुंन फायरिंग करना शुरू कर दी गई. जिसमें 12 लोगों का घटना स्थल पर ही मौत हुआ शेष 6 लोगों का अभी भी जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है. पीड़ित परिवार व ग्रामीणों के अनुसार मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम, पालनार निवासी कल्लू पुनेम नक्सली गतिविधियों में संगम सदस्य के रूप कार्य करते थे. शेष मृतक व घायल कभी भी किसी भी प्रकार के नक्सली गतिविधियों शामिल नहीं थे और न ही कोई भी उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं था. पूछताछ से ऐसा प्रतीत होता है कि वास्तव 2 लोगों को छोडकर सभी मृतक व घायल लोग गांव में सामान्य जीवन यापन करते थे, जिनको पुलिस ने नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में आदिवासियों को मारा है.

ग्रामीणों की शिकायते बेहद ही गंभीर और संवेदनशील है. आरोप पुलिस पर लगे है. आरोपों को गंभीरता को देखते हुये यह आवश्यक है कि इस मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में इस मुठभेड़ की जांच कराई जाये. कांग्रेस राज्य में शांति बहाली के सभी संवैधानिक और कानूनी प्रयासो में राज्य सरकार के साथ खड़ी है. सुरक्षा बालों की कार्यवाही में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि किसी भी निर्दोष की हत्या नहीं हो. बस्तर के आदिवासियों की जान माल की कीमत पर कोई भी समझौता कोई भी कार्यवाही कांग्रेस पार्टी को मंजूर नही है.

”सच छुपाने की हो रही कोशिश”: बैज
झीरम में अभी तक हुई किसी भी जांच में घटना के राजनैतिक षड़यंत्र की दिशा में कोई जांच नहीं हुई. न्यायिक जांच आयोग के कार्यकाल को जब कांग्रेस सरकार ने बढ़ाया तथा जांच के दायरे में घटना के षड़यंत्र को जोड़ा तब तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गये. भाजपा झीरम की जांच रोकना क्यों चाहती है? कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने एसआईटी बनाकर षड़यंत्र की जांच करने का प्रयास किया, तब भी धरम लाल कौशिक एसआईटी की जांच रोकने हाई कोर्ट गये. एनआईए ने इस मामले की जांच बंद कर दिया था, एनआईए ने 24 सितंबर 2014 को अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल किये, इसके बाद 28 सिंतबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश किया, अर्थात एनआईए ने जांच बंद कर दिया था, लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया एनआईए ने फिर से जांच शुरू कर. दिया और राज्य की एजेंसी के जांच को बाधित किया. कानूनन जब तक एनआईए मामले की फाइल राज्य को वापस नहीं करती एसआईटी जांच शुरू नहीं कर सकती थी. कांग्रेस के पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा बार-बार मांगे जाने के बावजूद एनआईए ने झीरम की केस फाइल नहीं दिया. एनआईए ने भी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, बाद में हाईकोर्ट ने एनआईए के स्टे को खारिज कर दिया

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
news36 से जुड़िए
जोहार...आपकी क्या सहायता कर सकते है, अपने आस पास की खबरें हमें भेज सकते है