कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती पर 31 जुलाई को ग्रंथालय विभाग द्वारा लगाई गई उनके पुस्तकों की प्रदर्शनी
नारायणपुर, 31 जुलाई 2024//शासकीय स्वामी आत्मानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणपुर के ग्रंथालय विभाग द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर प्रेमचंद द्वारा लिखी गई पुस्तकों की प्रदर्शनी ग्रंथालय में सुबह 11 बजे से शाम 5 तक लगाई गई। इस पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.आर. कुंजाम के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि प्रेमचंद आधुनिक हिंदी कहानी के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखकों में से एक है। प्रेमचंद अपने जीवन-काल मे ही इतने लोकप्रिय कथाकार हो गए थे कि उन्हें और उनकी कृतियों को श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाने लगा था। महाविद्यालय के लाइब्रेरियन श्री संजय कुमार पटेल ने बताया कि प्रेमचंद के उपन्यासों की तरह उनकी कहानियां भी ऐतिहासिक महत्व रखती है। उनकी कहानियों का संग्रह मानसरोवर नाम से 8 भागों में प्रकाशित हुई है। उन्होंने तीन सौ से अधिक कहानियां लिखी है। इन कहानियां में पंच परमेश्वर, कफन, पूस की रात, ईदगाह, दो बैलों की कथा, बड़े भाई साहब, बड़े घर की बेटी, सवा शेर गेहूं, नमक का दरोगा इत्यादि कहानियां शामिल है तथा गोदान, गबन, सेवासदन, रंगभूमि, कर्मभूमि इत्यादि उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में शामिल है।
इस पुस्तक प्रदर्शनी में हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. विजय लक्ष्मी गौड़ भी उपस्थित रही तथा उन्होंने बताया कि ये सभी पुस्तकें महाविद्यालय के ग्रंथालय में उपलब्ध है और छात्र छात्राओं को उनका अध्ययन अवश्य करना चाहिये। इस पुस्तक प्रदर्शनी में अतिथि व्याख्यता डॉ. मीनाक्षी ठाकुर, डॉ. विजेत्री विक्रम सिंह, डॉ. विजय लाल तिवारी, डॉ. दिनेश कठौतिया तथा महाविद्यालय के अन्य सभी सहायक प्राध्यापक तथा अतिथि व्याख्यता, बुक लिफ्टर श्री मेष राम ठाकुर एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे।