“नारायणपुर ट्रक परिवहन संघ का धरना प्रदर्शन समाप्त: नए दिशानिर्देशों का ऐलान”
नारायणपुर ट्रक परिवहन संघ ने पिछले चार दिनों से अपनी मांगो को लेकर धरना दिया था। उनकी प्रमुख मांगो में शामिल था कि नारायणपुर जिला को 80% अनुपात में लोडिंग दिया जाए, नारायणपुर जिले के ट्रकों को अनिवार्य रूप से आर. सी. (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) प्रदान किया जाए, और एग्रीमेंट के समय रायपुर के लिए 1325 रू. प्रति टन तथा गिधाली के लिए 1090 रू. प्रति टन भाड़ा निर्धारित किया जाए। इसके अतिरिक्त, टोल फ्लाजा की अतिरिक्त राशि ट्रांसपोर्टर द्वारा वहन की जाए और सुरक्षा की दृष्टिकोण से नारायणपुर में ही गेटपास कटना अनिवार्य हो।
संघ ने यह भी मांग की थी कि जो पॉइंट में लोडिंग के बाद प्राथमिकता समिति और नारायणपुर परिवहन संघ के लोडिंग के बाद ट्रांसपोर्टर की बाकी गाड़ियों को लाडिंग की अनुमति दी जाए। इसके अलावा पेमेंट का भुगतान बिना कटौती के 35 दिनों के भीतर किया जाए।
ये मांगे लम्बे समय से नारायणपुर ट्रक परिवहन संघ, छोटेडोंगर परिवहन समिति, स्वास्तिक ट्रांसपोर्टर और निको जायसवाल प्राइवेट लिमिटेड के बीच उठ रही थीं। लौह खदान से लौह परिवहन के लिए माल पहले छोटेडोंगर समिति, फिर टांसपोर्टर और अंत में नारायणपुर ट्रक युनियन की गाड़ियों को प्राथमिकता मिलता था। इससे नारायणपुर युनियन के 350 से अधिक ट्रक मालिकों को महीने में लाखों रूपये का नुकसान हो रहा था।
समस्या के समाधान के लिए नारायणपुर ट्रक युनियन में माइनिंग कम्पनी और स्वास्तिक ट्रांस्पोर्टर के खिलाफ परिवहन बंद करने और धरना देने का निर्णय लिया। चार दिनों के बातचीत के बाद नारायणपुर के स्थानीय विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप जी के साथ बैठक की गई जिसमें परिवहन संघ ने अपने समस्याओं से अवगत कराया, जिस पर उन्होनें निको मेनेजमेंट के प्रमुखों से बात कर जल्द ही इसका हल निकालने की बात कही। पहले नारायणपुर जिला प्रशासन के अधिकारी संयुक्त कलेक्टर उप पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी जी की अध्यक्षता में एक चार पक्षीय बैठक बुलाई गई, जिसमें एक मांग पर आगामी 20 अक्टूबर तक सहमति बनाई गई ।
निर्णय लिया गया की नारायणपुर जिले को 80% अनुपात में लोडिंग दी जाएगी और यह व्यवस्था आगामी 20 अक्टूबर तक लागू की जाएगी। बैठक में यह भी तय हुआ है कि इस प्रक्रिया से लोडिंग का कार्य जारी रहेगा। और 20 अक्टूबर के भीतर एक और बैठक आयोजित कर बाकी समस्याओं का समाधान निकाल कर एग्रीमेंट तीनों पक्षों में किया जाएगा।