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सोशल मीडिया बन सकता है नक्सल मोर्चे पर जवानों का दुश्मन, जानकारी लीक होने का खतरा, डिलीट किए गए अकाउंट

छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़ी जा रही है. सरकार ने अप्रेल 2026 तक नक्सलवाद का अंत करने का लक्ष्य रखा है इसी कड़ी में लगातार सुरक्षाबल के जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्चिंग करके मुठभेड़ों में बड़े से लेकर छोटे कैडर के नक्सलियों को मार गिरा रहे हैं. अभियान के दौरान जंगलों में जवानों को कई दिन बिताने पड़ रहे हैं.जिसमें उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हाल फिलहाल देखने में आ रहा है कि नक्सलियों के खिलाफ होने वाले ऑपरेशन और इससे होने वाली परेशानियों का वीडियो बनाकर जवानों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में अपलोड किए थे. जिसे सोशल मीडिया में काफी ज्यादा देखा जाने लगा था.जिसे देखते हुए अब पुलिस ने जवानों के सोशल मीडिया अकाउंट्स डिलीट करवा दिए हैं.साथ ही साथ उन्हें सोशल मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी है.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि नक्सल अभियान के दौरान एक गाइडलाइंस जवानों को दी जाती है. सुरक्षा के लिहाज से कैसे मूवमेंट करना और सावधानी बरतनी है. कैसे ऑपरेशन लॉन्च करना है. इसे गुप्त रूप से जवानों को बताया जाता है. ऐसे में सोशल मीडिया में अगर कोई जवान अपने ऑपरेशन की जानकारी वीडियो बनाकर साझा करेगा तो ऐसी स्थिति में सुरक्षागत कारणों से यह काफी खतरनाक होता है.

दरअसल अबूझमाड़ के जंगल में नक्सल संगठन के जनरल सेक्रेटरी बसवा राजू के मारे जाने के बाद तेजी से सोशल मीडिया में जवानों के बनाए गए वीडियो वायरल होने लगे. वीडियो को मिलियन्स व्यूज मिले. देश के साथ ही विदेश में भी वीडियो देखे गए. ऐसे लगातार व्यू बढ़ने पर ऑपरेशन में शामिल जवानों की पहचान भी उजागर होने लगी थी. जिनकी सुरक्षा को देखते हुए जवानों को सोशल मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी गई. साथ ही कुछ यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक अकाउंट भी डिलीट करवाए गए.

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