SI भर्ती परीक्षा : दुर्ग से रायपुर दौड़ लगाकर प्रदर्शन में पहुंचा SI अभ्यर्थी, 6 साल बाद भी जारी नहीं किया गया रिजल्ट
SI भर्ती परीक्षा : छत्तीसगढ़ में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के कैंडिडेट अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। नवा रायपुर के तूंता धरना स्थल पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जल्द रिजल्ट जारी करने के मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं। वहीं एक कैंडिडेट इस अनशन में शामिल होने के लिए बरसते पानी के बीच दुर्ग से दौड़ लगाकर नवा रायपुर तक पहुंचा। इससे पहले शुक्रवार को कैंडिडेट ने रायपुर के चौक-चौराहों पर भीख मांगकर सांकेतिक प्रदर्शन किया था। आमरण अनशन पर बैठे कैंडिडेट ने बताया कि छत्तीसगढ़ सब इंस्पेक्टर संवर्ग भर्ती परीक्षा के लिए सितंबर 2018 में फॉर्म भरा गया था। भर्ती की सभी चरणों की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। हाईकोर्ट के ऑर्डर पर अतिरिक्त 370 पुरुष अभ्यर्थी को लिया जाना था, वह प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।
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वर्तमान में हाईकोर्ट में इस भर्ती से संबंधित कोई याचिका लंबित नहीं है। हाईकोर्ट ने 90 दिनों भीतर रिजल्ट जारी करने और नियुक्ति देने का आदेश दिया गया था, लेकिन अभी तक अंतिम परीक्षा परिणाम और नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है। इसलिए हमें मजबूर होकर आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है।
6 साल बाद भी जारी नहीं किया गया रिजल्ट
55 किलोमीटर दौड़ लगाकर आमरण अनशन में शामिल हुए पीयूष ने कहा कि 6 साल से अधिक समय हमने अपनी इस भर्ती परीक्षा को दिया है। बावजूद हमारा रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा है। हमारी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द परिणाम जारी करें।
बड़ी संख्या में PHQ पहुंचे थे अभ्यर्थी
जल्द रिजल्ट के जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में SI अभ्यर्थी PHQ पहुंचे थे। इस दौरान कैंडिडेट भर्ती समिति के अध्यक्ष और DGP से मिलकर करने पर अड़े रहे, लेकिन पुलिस मुख्यालय के उच्च अधिकारियों ने 9 सितंबर को अध्यक्ष और DGP से मिलवाने का आश्वासन दिया जिसके बाद SI कैंडिडेट वापस लौटे।
गृह मंत्री ने दिया था आश्वासन
रिजल्ट की मांग को लेकर कुछ दिन पहले गृह मंत्री विजय शर्मा के निवास का घेराव भी किया गया था। उस दौरान मंत्री ने अभ्यर्थियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने कहा कि डीजीपी के रिटायरमेंट समेत कई तकनीकी कारणों से रिजल्ट जारी नहीं हो पा रहा था।
इसके 4 दिन बाद दोबारा अभ्यर्थी मिलने पहुंचे थे और जल्द रिजल्ट जारी करने की मांग की थी। उन्होंने आश्वासन भी दिया लेकिन अभी तक परिणाम नहीं जारी हुआ जिसके बाद सभी ने शुक्रवार को रायपुर की सड़कों पर भीख मांगी और मंगलवार को आमरण अनशन पर बैठ गए।