छत्तीसगढ़ का एक ऐसा स्कूल जहां नहीं है एक भी शिक्षक
धर्मेंद्र यादव । धमतरी जिले के नगरी में स्कूल के बच्चों और पालकों ने शिक्षकों की कमी के चलते स्कूल का बहिस्कार कर दिया है., नगरी ब्लॉक के ग्राम कोटरवाही के शासकीय माध्यमिक शाला के छात्र छात्राए सहित पालको ने शिक्षकों की कमी के चलते पिछले तीन दिनो से बहिष्कार किया हुआ है है जिसके चलते तीन दिनो से पढ़ाई पूरी तरह से ठप्प है
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कोटरवाही के शासकीय माध्यमिक शाला में कुल 43 बच्चे पढ़ते हैं जो आज पास के क्षेत्र से पढ़ाई करने पहुंचते हैं…… शिक्षकों के कमी होने के चलते बच्चे स्कूल पहुंचते हैं और शिक्षक न होने के कारण वापस आ घर चले जाते थे…..बच्चों और पालको ने इस संबध में शिक्षा अधिकारियों के पिछले तीन महिनों से बात की जा रही है पर उन्हें सिर्फ दिलासा ही दिया जाता रहा है और छात्रों की समस्या जस की तस बनी हुई है….जिस कारण बच्चों और पलको ने शाला का बहिष्कार कर दिया है शाला खुलता जरूर है लेकिन शिक्षक नहीं होने के कारण से शाला सुना रह जाता है …पलको में शिक्षक की कमी को लेकर खासा गुस्सा नजर आ रहा है.
शासन प्रशासन ने एक नारा दिया है की पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे लेकिन अगर बात शासकीय माध्यमिक शाला कोटरवाही की करे तो यहां पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नही जिसकी वजह से बच्चो के पढ़ाई में काफी प्रभावित हो रही है
वही पालकों का कहना है स्कूल में एक शिक्षक था वह भी शराब पीकर स्कूल में पढ़ाने आया करता था और बच्चो के लिए खेलने के समान को भी बच्चो न देकर अपने घर ले जाया करता था शराबी शिक्षक से छात्र छात्रा परेशान आ चुके थे, पालकों ने शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की बजट का करीब 70 हजार रुपए को गबन कर दिया है कई बार शिकायत के बाद भी शिक्षक का व्यवस्था प्रशासन ने नही कर पाया हालांकि बीइओ ने मौखिक रूप से एक शिक्षक को अस्थाई तौर प वहां तैनात जरुर किया है लेकिन अब बच्चे ही पढ़ाई करने नही जा रहे है बच्चों का कहना है कि जब तक परमानेंट शिक्षक नहीं मिल जाता वे बहिष्कार करते रहेंगे
इधर जिला अपर कलेक्टर भी कह रहे है कि जब तक शिक्षको का शासन स्तर से भर्ती नही हो पाता तब तक कुछ नही किया जा सकता ऐसे में सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि शिक्षा का अधिकार का नारा देने वाली सरकार कब तक इन बच्चों को शिक्षक उपलब्ध करवा पाता है,