Chhattisgarh News : सीएम साय के इलाके में राजकीय वृक्ष को खतरा, घने जंगल को खत्म करने की साजिश
Chhattisgarh News : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले जशपुर के सन्ना वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत कवई के समीप स्थित लुरापाठ जंगल में बड़े पैमाने पर अवैध वृक्ष कटाई का मामला सामने आया है। वन विभाग से बेखौफ अज्ञात लोगों द्वारा की जा रही इस अवैध कटाई से जशपुर का कीमती साल वृक्ष जंगल बर्बादी के कगार पर है। कई एकड़ में फैले इस घने जंगल को खत्म करने की कोशिशें लगातार जारी हैं, सुत्रों की माने तो अवैध कब्जे की नीयत से अज्ञात लोग जंगल में प्रवेश कर रहे हैं और बेशकीमती साल के पेड़ों को चारों ओर से काटकर उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।
जशपुर का ‘हरा मुकुट’
जशपुर जिला अपनी घनी हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, जिसे स्थानीय लोग ‘हरा मुकुट’ कहते हैं। लेकिन अवैध कटाई, खनन और वनभूमि पर अतिक्रमण के चलते यह ‘हरा मुकुट’ धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर है। वन प्रेमियों ने चेतावनी दी है कि अगर वन विभाग और प्रशासन ने समय पर कड़े कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में जशपुर का समृद्ध वन क्षेत्र पूरी तरह से खत्म हो सकता है।
वन विभाग के पास स्टॉफ का रोना
वन विभाग में कर्मचारियों की कमी भी इस समस्या को और बढ़ा रही है। जंगलों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार वन विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है, जिससे अवैध कटाई और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में देरी हो रही है। स्थानीय वन प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और वन विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
बॉक्साइट खदानों के विस्तार से जंगलों पर बढ़ा दबाव
जशपुर के बगीचा और पाठ इलाके में बॉक्साइट की खदानें खुलने की खबरों के बाद से जंगल में अवैध कटाई और वनभूमि पर कब्जे के मामलों में तेजी आई है। भूमाफियाओं और खनन माफियाओं की मिलीभगत से जंगल का अस्तित्व खतरे में है।
लोगो का मानना है कि अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो इलाके का प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरणीय संतुलन गहरे संकट में पड़ सकता है। वन प्रेमियों का कहना है कि पेड़ों को इस तरह काटे जाने से वे धीरे-धीरे सूख जाएंगे और मर जाएंगे, जिससे जंगल का प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र बुरी तरह प्रभावित होगा।
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