भारत माला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में ACB-EOW का छापा, SDM तहसीलदार और निलंबित पटवारी के घर पहुंची टीम

भारत माला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में ACB-EOW ने छापेमारी की है। करीब 17 से 20 अधिकारियों के यहां कार्रवाई चल रही है। SDM, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक समेत राजस्व विभाग के कई अधिकारियों के ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है।
शुक्रवार सुबह से नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई सहित प्रदेश के अन्य जिलों में टीम कार्रवाई के लिए पहुंची हुई है। वहीं बिलासपुर में अतिरिक्त तहसीलदार लखेश्वर राम के घर 6 से अधिक अफसर जांच कर रहे हैं। परिजन जांच का विरोध कर रहे हैं।
महंत ने PMO से की थी शिकायत
इससे पहले भारतमाला प्रोजेक्ट में सामने आए कथित मुआवजा घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को चिट्ठी भेजकर शिकायत की थी। पीएमओ ने महंत की शिकायत पर संज्ञान लिया। खुद डॉ. महंत ने इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र प्राप्त हुआ है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इस मामले की CBI जांच के लिए निर्णय लेगी।
क्या है भारतमाला परियोजना घोटाला?
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.
भूमि अधिग्रहण नियम
भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा. इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.