भारतमाला प्रोजेक्ट अधिग्रहण घोटाले मामले में चार आरोपी गिरफ्तार

रायपुर : भारतमाला प्रोजेक्ट की ज़मीन अधिग्रहण प्रक्रिया में घोटाले को लेकर EOW ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन के नाम शामिल हैं।
EOW की जांच में सामने आया है कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहण की जा रही ज़मीनों को कागज़ी दस्तावेज़ों में 6-6 अलग-अलग मालिकों के नाम पर दर्शाया गया था, जिससे मुआवज़े के नाम पर करोड़ों रुपए की बंदरबांट की गई। इस जालसाजी के जरिए सरकारी धन का भारी दुरुपयोग किया गया।
शुक्रवार को हुई छापेमारी के बाद सभी आरोपियों को विशेष ACB/EOW कोर्ट में पेश किया गया, जहां EOW ने चारों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर देने की मांग की है। कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। EOW इस घोटाले में और भी नामों की तलाश कर रही है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और खुलासे हो सकते हैं।
तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू घोटाले के मास्टर माइंड
छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट में हुए करोड़ों के घोटाले के मास्टर माइंड तत्कालीन एसडीएम का नया फर्जीवाड़ा सामने आया है। निर्भय साहू ने मुआवजा घोटला करने के लिए रायपुर धमतरी नेशनल हाइवे 30 के मद में जमा 24 करोड़ रुपए में से फर्जीवाड़ा कर 2 करोड़ 16 लाख रुपए भारतमाला प्रोजेक्ट वाले खाते में ट्रासंफर किए।
यहां श्री जैतूसाव मठ की जमीन की वारिस स्वार्गीय उमा तिवारी की जगह दूसरी महिला को पेश कर उसके नाम से नामांतरण किया गया और 2 करोड़ 16 लाख रुपए निकाले गए। इसके लिए निर्भय साहू बकायदा 12 जुलाई 2023 को 5 पन्नों की नोटशीट बनाई। जिसमें लिखा कि ग्रामीण मुआवजा नहीं मिलने से आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। ब्याज समेत मुआवजा मांग रहे हैं। इसलिए मुआवजा देना जरुरी है।
ऐसा कर फर्जी उमा तिवारी के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए। इनमें से लगभग 40-40 लाख रुपए पैसे बाद में हरमीत खनूजा, विजय जैन, उमा तिवारी और किसी राम कुमार के खाते में ट्रांसफर किए गए। निर्भय साहू के लिए 30 लाख रुपए के सोने के बिस्किट खरीदे गए। EOW ने इस मामले में विजय जैन, हरमीत खनूजा, उमा तिवारी और उसके पति केदार तिवारी को हिरासत में लिया था। चारों से दो दिनों से पूछताछ की जा रही थी।
इनके ठिकानों पर की गई EOW की रेड
अमरजीत सिंह गिल- ठेकेदार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दुर्ग
हरजीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, मकान नंबर 118 लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना रायपुर
जितेंद्र कुमार साहू- पटवारी, अभनपुर
दिनेश कुमार साहू- पटवारी, माना बस्ती रायपुर
निर्भय कुमार साहू- SDM, अटलनगर, नवा रायपुर समेत कांकेर के नरहरपुर स्थित आवास
हरमीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, महासमुंद
योगेश कुमार देवांगन- जमीन दलाल, अश्वनी नगर,रायपुर
बसंती घृतलहरे- अभनपुर
अमरजीत सिंह गिल- बैंक कर्मचारी ICICI बैंक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,दुर्ग
रोशन लाल वर्मा- RI, कचना रायपुर
विजय जैन- कारोबारी, गोलबाजार दुकान और टैगोर नगर स्थित घर रायपुर
उमा तिवारी- महादेव घाट,रायपुर
दशमेश- तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
लखेश्वर प्रसाद किरण- तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर स्थित घर
शशिकांत कुर्रे- तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर
लेखराम देवांगन- पटवारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार रायपुर
बता दें, इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिकृत किए गए 1-1 भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम पर मुआवजे निकलवाए और करोड़ो रुपए गबन कर लिए हैं।
220 करोड़ के भ्रष्टाचार की संभावना
शुरुआत में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि हासिल कर ली। लेकिन विस्तृत जांच में यह आंकड़ा 220 करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंच गया है। अब तक 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड भी जांच एजेंसी को मिल चुका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने 6 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की है।
इस घोटाले को लेकर चरणदास महंत ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी मुद्दा उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रकरण की जांच ईओडब्ल्यू (EOW) को सौंपने का निर्णय लिया गया था। अब ईओडब्ल्यू ने इस पूरे मामले की जांच को और तेज कर दिया है।
क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है। इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की ज़मीनें अधिग्रहित की हैं। इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है। विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया।
भूमि अधिग्रहण नियम
भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की ज़मीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी। इस तरह उसे उस ज़मीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा। इसके तहत 5 लाख की यदि ज़मीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा। इस तरह हितग्राही को उसी ज़मीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे।