13 हजार शिक्षकों का होगा तबादला, युक्तियुक्तकरण के खिलाफ शिक्षक संघ , आंदोलन की चेतावनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य की स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी ने इस संबंध में राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया की जानकारी दी है। बताया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। शासन द्वारा शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के लिए संशोधित समय सारिणी भेजी गई है। जानकारों का मानना है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से करीब 13 हजार शिक्षकों का तबादला होगा। साथ ही स्कूलों को मर्ज किया जाएगा।
खास बात ये है स्कूलों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में स्वामी आत्मानंद हिंदी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों, पीएम श्री स्कूलों का समायोजन नहीं किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए जारी निर्देश में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बारे में बताया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता, बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात में होनी चाहिए। प्रदेश की विभिन्न स्तर की शालाओं में सैकड़ों शिक्षक अतिशेष हैं। शालाओं एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाना छात्रहित में उचित है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों में एक ही परिसर में अथवा निकट में दो या दो से अधिक शालाएं संचालित हैं, ऐसे शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जाना है, साथ ही अतिशेष शिक्षकों का शिक्षकविहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में युक्तियुक्तकरण किया जाना है।
शिक्षक संघ ने किया कड़ा विरोध,आंदोलन की चेतावनी
शासन के इस निर्देश का शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया है. शालेय शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बयान जारी कर कहा कि यह स्कूलों, छात्रों, पालकों और शिक्षकों के साथ अन्याय है. उनका कहना है कि स्कूल व शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए जिन मापदंडों को तय किया गया है, वह वहीं 2 अगस्त 2024 का पुराना आदेश है, जिसका मुखर विरोध शिक्षक संगठनों ने किया था.
युक्तियुक्तकरण के पूर्व में जारी निर्देशों और मापदंडों पर तथ्यात्मक बहुत सारे सुझाव भी दिए थे. हालांकि तब यह प्रक्रिया सत्र के मध्य होने से अफरा-तफरी मच जाने की आशंका से स्थगित कर दी गई थी, परन्तु अब एक बार इसे प्रारंभ किया जा रहा है.
वीरेंद्र दुबे ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों के सेटअप से छेड़छाड़ किया जा रहा है. शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना अवश्य करना चाहिए पर स्कूलों के सेटअप से छेछड़ कर प्राथमिक की 5 कक्षा के लिए प्रधानपाठक और एक शिक्षक से कैसे शिक्षा में गुणवत्ता आ सकती है ? और पांच अलग-अलग कक्षा को जब केवल 2 शिक्षक संभालेंगे तो नौनिहालों व बच्चों की सुरक्षा व निगरानी अहम विषय होगी. युक्तियुक्तकरण के लिए जो मापदंड अपनाने हेतु आदेश जारी हुआ है वह अव्यवहारिक है, बच्चों की उचित शिक्षा व शिक्षकों पर कुठाराघात है. शालेय शिक्षक संघ समेत अन्य शिक्षक संगठनों व पालक संगठनों से पूर्व में जो सुझाव युक्तियुक्तकरण के लिए दिया गया था, उसे लगता है विभागीय हठधर्मिता की वजह उन सुझावों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, क्योंकि जारी दिशा-निर्देश वही पुराना आदेश है, जिस पर पहले बवाल मच चुका है. ऐसे में हमारी मांग है कि संघ की ओर से दिए गए सुझावों पर अमल किया जाए.