छत्तीसगढ़ में जहां है बिजली देने वाला सबसे बड़ा NTPC, वहीं रहती है घंटो बिजली गुल

सीपत (हिमांशु गुप्ता) :– प्रदेश की सबसे बड़े विद्युत उपभोक्ता वितरण केंद्र सीपत का हाल बेहाल है लगातार बिजली आपूर्ति ठप रहने से परेशान सैकड़ो ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा मंगलवार की रात सीपत स्थित विद्युत सब स्टेशन का घेराव कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मौके पर विद्युत विभाग के कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और भी भड़क गया। ग्रामीणों ने सीपत बस स्टैंड क्षेत्र की बिजली व्यवस्था के दुरुस्त नही होते तक पूरे नगर की बिजली को बंद करा दिया. स्थिति को बिगड़ता देख सीएसपी सिद्धार्थ बघेल व थाना प्रभारी गोपाल सतपथी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों ने साफ कह दिया कि जब तक बिजली बहाल नहीं होती, तब तक पूरे सीपत की बिजली बंद रखा जाएगा। प्रदर्शनकारी युवाओं के अलावा महिला और बुजुर्गों ने भी कहा कि भीषण गर्मी में बिजली कटौती ने जीना मुश्किल कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय लापरवाही के कारण बार-बार बिजली बाधित हो रही है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। प्रदर्शन अभी भी जारी है और बिजली बहाली की मांग को लेकर ग्रामीण अड़े हुए हैं। प्रशासन और बिजली विभाग की और से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। बता दें कि बिजली संकट से जूझ रहे सीपत क्षेत्र में व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। 90 पंचायतों की बिजली व्यवस्था मात्र एक प्रभारी सहायक अभियंता प्रमोद चौबे के भरोसे चल रही है। वहीं, यहां पदस्थ जूनियर इंजीनियर अनुराग सोनी को गड़बड़ी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है, जबकि एई राजकुमार चौह्यन का कवर्धा स्थानांतरण हो गया है।
रात डेढ़ बजे बदल गया ट्रांसफार्मर फिर भी एक फेस में बंद रही बिजली
ग्रामीणों के हंगामे के बाद देर रात सकरी से 200 केवी का ट्रांसफार्मर मंगाया गया। और उसे लगाने टीआई सतपथी ने एनटीपीसी से हाइड्रा मशीन बुलवाया तब कही जाकर रात डेढ़ बजे सीपत बस स्टैण्ड का ट्रांसफार्मर बदला गया लेकिन एक फेस में बिजली चालू नही हुई है इसे लेकर कुछ ग्रामीणों ने सब स्टेशन पहुंचकर फिर हंगामा किया पूरी रात सीपत की बिजली सप्लाई बंद रही।
बिजली विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी, फाल्ट सुधारने नहीं पहुंच रहे
बिजली विभाग में स्टाफ की कमी है। शिकायत के बावजूद मौके पर कोई कर्मचारी नहीं पहुंचता। एक प्रभारी एई के भरोसे 90 गांवों की व्यवस्था है। जेई का पद खाली होने और अनुभवी एई राजकुमार चौहान के ट्रांसफर होने से फॉल्ट सुधारने तक का कार्य ठप है। गिनती के लाइनमैन है, जो फॉल्ट सुधार रहे है। वहीं, जेई अनुराग सोनी को विभाग ने सस्पेंड कर दिया है, लेकिन इन कार्रवाई से क्षेत्र की समस्याएं कम होने को छोड़ और भी बढ़ गई हैं, क्योंकि विभाग द्वारा कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था इस दिशा में नहीं की गई।
विद्युत व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
जिला पंचायत सदस्य राजेन्द्र धीवर सहित आम लोगों ने बिजली विभाग को अल्टीमेटम दिया है कि यदि तत्काल सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी विभागीय
अधिकारियों से बात कर समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है। बाकायदा सुशासन तिहार में ग्रामीणों ने शासन से आवेदन करते हुए बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग कही थी।
समस्या का जल्द समाधान करने की मांग
ग्रामीण प्रतिनिधियों से विभाग को लगातार शिकायत मिल रही है, लेकिन वहां कोई सुनने वाला नहीं है। विद्युत समस्या से किसान, छात्र, व्यापारी सहित सभी वर्ग के लोग प्रभावित है वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। प्रभारी अधिकारी के भरोसे इतने बड़े क्षेत्र का काम नहीं चलने वाला अधिकारियों की नियुक्ति से ही बिजली व्यवस्था पटरी पर लौट सकती है।
जनपद सदस्य देवेश शर्मा ने खम्हरिया उपकेंद्र को डीसी का दर्जा देने मांग की
खम्हरिया क्षेत्र के ग्रामीणों को लंबे समय से विद्युत आपूर्ति में आ रही गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बार-बार शिकायतों के बावजूद सुधार कार्य समय पर नहीं हो पा रहा, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए लुतरा के जनपद सदस्य देवेश शर्मा ने मंगलवार को बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल से मुलाकात कर खम्हरिया उपकेंद्र को डीआईसी (डिस्ट्रिब्यूशन इन्फ्रास्ट्रक्चर सेंटर) का दर्जा देने की मांग की। शर्मा ने बताया कि खम्हरिया उपकेंद्र के अंतर्गत 24 गांव आते हैं, जो वनांचल क्षेत्र में बसे हुए हैं। बिजली आपूर्ति में आई सामान्य सी गड़बड़ियों के लिए भी ग्रामीणों को करीब 30 किलोमीटर दूर सीपत विद्युत कार्यालय तक जाना पड़ता है। इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होती है, बल्कि कई बार हफ्तों तक बिजली समस्याएं बनी रहती हैं। उन्होंने कहा कि यदि खम्हरिया में ही डीसी की स्थापना की जाए, तो स्थानीय स्तर पर ही तुरंत समस्या का समाधान हो सकेगा। क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, और समय पर मरम्मत नहीं होने से ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है। इस मांग का ग्रामीणों ने भी समर्थन किया है। उनका कहना है कि एक स्थानीय वितरण केंद्र से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि आपात स्थिति में तत्काल सहायता भी मिल सकेगी।
रोजाना कटौती से लोग परेशान : खरे
ओम खरे का कहना है कि पिछले कई दिनों से रोजाना घंटों बिजली गुल रहती है। गर्मी के मौसम में जहां पंखे और कूलर जवाब दे चुके हैं। वहीं सप्लाई का कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सीपत मुख्यालय सहित कई गांवों में बिजली 8 से 10 घंटे तक बंद रहती है।