रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज सत्र हो सकता है “जीरो ईयर” घोषित, MBBS की सीटें बढ़ाने पर रोक !

छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के मान्यता घोटाले मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपनी कार्रवाई को और तेज करते हुए संस्थान के चेयरमैन रविशंकर जी महाराज, उनके करीबी सहयोगियों और कई प्रभावशाली व्यक्तियों पर शिकंजा कस दिया है। इस मामले में न केवल रावतपुरा सरकार, बल्कि उनके भक्तों और अन्य हाई-प्रोफाइल लोगों पर भी प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है, जिसके बाद सभी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
घोटाले का खुलासा
रिश्वतखोरी का जालCBI की जांच में सामने आया है कि श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से मान्यता दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी और अनियमितताओं का सहारा लिया गया। जांच एजेंसी ने पुख्ता सूचना के आधार पर जाल बिछाया और 55 लाख रुपये की रिश्वत के लेन-देन के दौरान छह लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इनमें तीन डॉक्टर शामिल हैं, जिन्हें NMC ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
जीरो ईयर की आशंका
इस घोटाले के बाद रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। सूत्रों के अनुसार, कॉलेज को इस सत्र के लिए “जीरो ईयर” घोषित किया जा सकता है, जिसका मतलब है कि इस साल कोई नया दाखिला नहीं होगा। हालांकि, पिछले सत्र में दाखिल हुए छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे, लेकिन MBBS सीटों को 150 से बढ़ाकर 250 करने की मंजूरी भी रुक सकती है।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों, NMC के निरीक्षण दल के सदस्यों और अन्य निजी संस्थानों से जुड़े लोग शामिल हैं। इस घोटाले की जड़ें इतनी गहरी हैं कि यह केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है, बल्कि कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों तक फैली हुई हैं।

सीबीआई ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 40 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। इस दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा, दस्तावेज और बैंक लेन-देन के सबूत जुटाए गए हैं। जांच एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले का नेटवर्क अन्य मेडिकल कॉलेजों तक भी फैला हो सकता है।
इनके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारियों और NMC के निरीक्षण दल के पांच डॉक्टरों पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। CBI ने इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं और IPC की धारा 61(2) के तहत मामला दर्ज किया है। CBI ने 1 जुलाई को छह लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें डॉ. मंजुप्पा सीएन, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके, अतुल कुमार तिवारी, सतीशा ए, और रविचंद्र शामिल हैं। इन्हें 7 जुलाई तक CBI की रिमांड पर भेजा गया है।
कौन हैं रावतपुरा सरकार?
संत रविशंकर महाराज को ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत उत्तर भारत के लोग रावतपुरा सरकार के नाम से जानते हैं. उनके भक्तों की सूची कई बड़े राजनेता भी शामिल हैं. अध्यात्म की दुनिया में वे बड़ा नाम हैं. वो रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के चेयरमैन भी हैं. इसी इंस्टीट्यूट के मामले में CBI ने जो FIR दर्ज की है उसमें उनका नंबर चौथा है. संत रविशंकर महाराज का जन्म 12 जुलाई 1968 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के छिपरी गांव में हुआ था. उनका बचपन का नाम रवि था, जो उनके नाना-नानी ने रखा था. उनके पिता,कृपाशंकर शर्मा, एक ग्राम सेवक थे. उनकी मां का नाम रामसखी शर्मा है.
रवि अपने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. उनके परिवार में शुरू से ही संस्कारों का माहौल था. वे कुशाग्र बुद्धि के तो थे लेकिन उन्हें स्कूल जाना पसंद नहीं था. बचपन से ही उनका झुकाव अध्यात्म की ओर था. उन्हें करीब से जानने वाले बताते हैं कि तब वे स्कूल जाने के बजाय अक्सर गांव से 2 किलोमीटर दूर शारदा माता मंदिर के पास एक गुफा में ध्यान लगाने चले जाते थे. उनकी माँ को कई बार उन्हें गुफा से निकालकर घर लाना पड़ता था. कई बार उनकी मां को गुफा में रवि के कपड़े भीगे हुए मिले, जैसे उन्होंने कुएं में डुबकी लगाई हो.
11 वर्ष की उम्र में घर छोड़ा और बन गए बाबा
ऐसा कहा जाता है कि रावतपुरा सरकार 11 साल की उम्र में आध्यात्मिक खोज में निकल पड़े थे. यह निर्णय उनके परिवार के लिए चिंता का विषय था, क्योंकि वे परिवार के सबसे बड़े बेटे थे और उनसे जिम्मेदारियों की उम्मीद थी. फिर भी, उनकी आध्यात्मिक रुचि ने उन्हें रावतपुरा गांव (लहार, भिंड, मध्य प्रदेश) में हनुमान मंदिर के पास ले गई, जहां उन्होंने साधना शुरू की. यहीं से उन्हें “रावतपुरा सरकार” की उपाधि मिली.रावतपुरा गांव में हनुमान मंदिर के पास साधना के बाद रविशंकर महाराज ने रावतपुरा धाम को अपने आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया. उनका आश्रम धीरे-धीरे भक्तों के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया।
यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज भी बनवाए
साल 2000 में, रविशंकर जी महाराज ने रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट की स्थापना की. इस ट्रस्ट ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में शिक्षा,स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में व्यापक काम किए. ट्रस्ट के तहत स्कूल, कॉलेज,अस्पताल,ब्लड बैंक,नर्सिंग कॉलेज और वृद्धाश्रम जैसे संस्थान चलाए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में श्री रावतपुरा यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई. जिसमें इंजीनियरिंग,मैनेजमेंट,फार्मेसी,कॉमर्स,साइंस और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी प्रोग्राम प्रदान की जाती है. इसके अलावा वा रायपुर में श्री रावतपुरा सरकार इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSR) की भी स्थापना की गई.इसी मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए रिश्वत कांड में उनके खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की है.
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