Chhattisgarh : 260 करोड़ की सोना-चांदी की तस्करी, फंसे छत्तीसगढ़ के नामी ज्वेलर्स, 64 करोड़ की संपत्ति कुर्क

Chhattisgarh : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रायपुर में शुक्रवार को 260.67 करोड़ रुपये के सोने और चांदी की तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने सर्राफा व्यवसाय से जुड़े कारोबारी की 64 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच की है. छत्तीसगढ़ के बड़े सर्राफा कारोबारी सहेली ज्वेलर्स के संचालक सुनील कुमार जैन और नवकार ज्वैलर्स के संचालक प्रकाश सांखला की भी संपत्ति कुर्क की गई है. वहीं, सोना तस्करी सिंडिकेट के सदस्यों सचिन केदार और पुरुषोत्तम कवाले के बैंक खातों में पड़ी शेष राशि, फ्लैट, जमीन-जायदाद समेत 3.76 करोड़ रुपये की संपत्ति को अनंतिम रूप से कुर्क किया है. ये सर्राफा कारोबारी विदेश से सोने और चांदी की तस्करी करते थे. मामले में DRI और ED पहले भी छापामारी कर चुकी है. ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की है. विदेशी गोल्ड सिंडिकेट में सहेली ज्वेलर्स, नवकार ज्वेलर्स, सुमीत ज्वेलर्स, सागर ज्वेलर्स और धीरज बैद शामिल हैं। इन सभी लोगों ने तस्करों से विदेशी सोना-चांदी खरीदा था।
इंदौर में भी ईडी की कार्रवाई
इंदौर में ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत “इंदौर नगर निगम (आईएमसी)” फर्जी बिल घोटाले के मामले में 34 करोड़ रुपये (लगभग) की संपत्ति कुर्क की है. कुर्क की गई संपत्तियों में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित 43 अचल संपत्तियां (आवासीय और कृषि दोनों) शामिल हैं. मामले में अब तक कुर्क/जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 56 करोड़ रुपये (लगभग) है.
जानिए पूरा मामला
मामला अप्रैल 2021 में उस समय उजागर हुआ, जब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने कोलकाता एयरपोर्ट पर 2 तस्करों को गिरफ्तार किया। इन दोनों के शरीर में बंधी बेल्ट से विदेशी सोना बरामद हुआ था। तस्करों की तलाशी के दौरान उनके शरीर से बंधे बेल्ट से दुबई का सोना गिरने लगा था। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि यह सोना राजनांदगांव के मोहनी ज्वेलर्स को सौंपना था। इसके बाद DRI की टीम राजनांदगांव में छापेमारी की प्लानिंग की।
DRI ने शांतिलाल बैद के नंदई स्थित घर में छापा मारा
DRI ने सुराग को आगे बढ़ाते हुए 1 मई 2021 को राजनांदगांव के जसराज शांतिलाल बैद के नंदई स्थित घर में छापा मारा। पूछताछ में इस सिंडिकेट का खुलासा हुआ, जिसका मास्टरमाइंड विजय बैद उर्फ विक्की निकला। ये दुबई से भारत तक तस्करी की कड़ी का संचालन करता था।
दुबई से बांग्लादेश के रास्ते छत्तीसगढ़ पहुंचता था सोना-चांदी
DRI और ED की जांच में यह बात सामने आई कि दुबई से निकला सोना पहले म्यांमार या बांग्लादेश भेजा जाता था, जहां से नॉर्थ ईस्ट राज्यों के रास्ते यह भारत में दाखिल होता था। यहां से ट्रेन, फ्लाइट और सड़क मार्ग से कैरियर (तस्कर) लेकर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव लाता था। ED के मुताबिक, सचिन केदार इस नेटवर्क का सक्रिय सदस्य था, जो कोलकाता से रायपुर, नागपुर और मुंबई तक तस्करी का सोना पहुंचाता था। राजनांदगांव से सोना रायपुर, दुर्ग समेत आसपास के जिलों में नामचीन ज्वेलर्स तक पहुंचता था।
छत्तीसगढ़ बना गोल्ड तस्करी कॉरिडोर?
DRI के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 8 साल में छत्तीसगढ़ में 50 करोड़ रुपए से अधिक का सोना-चांदी जब्त किया जा चुका है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि तस्कर इस राज्य को कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। सोना न केवल बेचने के लिए, बल्कि आगे महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश तक सप्लाई के लिए। रायपुर में DRI का ज़ोनल दफ्तर खुलने के बाद अब तक 25 से अधिक तस्करों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
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