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ननों की गिरफ्तारी पर मेघालय के CM ने सीएम साय को लिखा पत्र…आज NIA कोर्ट में बेल पर फैसला

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में GRP द्वारा दो मलयाली ननों की गिरफ्तारी का मामला बढ़ता जा रहा है. जहां एक ओर केरल के 4 सांसदों का डेलीगेशन छत्तीसगढ़ पहुंचा. तो वहीं दुसरी ओर मेघालय के CM कॉनराड के. संगमा ने CM विष्णु देव साय को पत्र लिखा है. उन्होंने ननों के खिलाफ FIR को रद्द करने पर विचार करने और इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. उन्होंने ननों के खिलाफ FIR को रद्द करने पर विचार करने और इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की मांग की है

FIR को रद्द करने पर विचार करने की मांग
संगमा ने पत्र में कहा, “मानव तस्करी के चौंकाने वाले और निराधार आरोपों के आधार पर केरल की दो ननों, सिस्टर वंदना फ्रांसिस और सिस्टर प्रीति मैरी की गिरफ्तारी के संबंध में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखा है. भारत जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में किसी भी प्रकार के धार्मिक उत्पीड़न के लिए कोई स्थान नहीं है. इस तरह के निराधार आरोप न केवल निर्दोष व्यक्तियों के जीवन और स्वतंत्रता को खतरे में डालते हैं, बल्कि धार्मिक आधार पर निशाना बनाए जाने के एक चिंताजनक पैटर्न को भी दर्शाते हैं. माननीय मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जाँच, झूठे मामले को वापस लेने और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा का आग्रह किया”

आज NIA कोर्ट में बेल पर फैसला
आदिवासी युवतियों की मतांतरण के लिए मानव तस्करी के मामले में आरोपी नन प्रीति मेरी, वंदना फ्रांसिस और पास्टर सुखमन की जमानत याचिका पर शुक्रवार को बिलासपुर स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। एनआइए कोर्ट के जज सिराजुद्दीन आज जमानत पर फैसला सुनाएंगे।

केरल सांसदों के डेलीगेशन ने ननों से की मुलाकात
1 अगस्त को केरल सांसदों का डेलीगेशन छत्तीसगढ़ पहुंचा था. जहां चार सांसदों ने जेल में बंद ननों से मुलाकात की. इन चार सांसदों में हिबी ईडन, डीन कुरियाकोस, कोडिकुन्निल सुरेश, एंटो एंटनी शामिल थे. इसके बाद INC सांसद हिबी ईडन ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि ननों को बेहतर सुविधा नहीं मिल रही है. पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि गलत कार्रवाई हुई है, केंद्र और राज्य सरकार के दबाव में यह कार्रवाई की जा रही है, हम ननों को छुड़ाने के लिए लगातार लड़ाई जारी रखेंगे.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 25 जुलाई को मिशनरी सिस्टर्स और एक युवक 3 लड़कियों के साथ रेलवे स्टेशन पर घूम रहे थे। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक लड़की को रोते हुए देखा। इस दौरान उसके साथ आया युवक लड़की से कह रहा था कि तुम इतनी दूर आ गई हो, इसलिए तुम्हें जाना होगा। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता युवक की बातचीत सुन रहे थे। ऐसे में उन्हें मिशनरी सिस्टर और युवक पर शक हुआ। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तीनों से पूछताछ की। पता चला कि मिशनरी सिस्टर और युवक तीनों लड़कियों को आगरा ले जा रहे थे। मिशनरी सिस्टर और युवक के बीच बातचीत पर शक होने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामे के बीच तीनों लड़कियों, 2 ननों और उनके साथ एक युवक को जीआरपी ने पकड़ लिया और थाने ले आई।

जानिए नन केस में अब तक क्या-क्या हुआ ?
25 जुलाई 2025 को GRP थाना दुर्ग में FIR हुई। इसमें BNS धारा 143 मानव तस्करी से जुड़ी धारा और गैर-जमानती अपराध के तहत केस दर्ज हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 4 बिना अनुमति धर्मांतरण कराने का अपराध।

गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन, संसद में उठा मामला
छत्तीसगढ़ के कई जिलों दुर्ग, रायपुर, रायगढ़, कोरबा और जगदलपुर में ईसाई संगठनों ने प्रदर्शन किया। यह मामला संसद में उठा। केरल के सांसद डेरेक ओ ब्रायन और बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में इस घटना को “ईसाई समुदाय पर हमला” बताया। उन्होंने इसे राजनीतिक द्वेष और धार्मिक असहिष्णुता से प्रेरित गिरफ्तारी कहा।

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