दोनों ननों की रिहाई के बाद CM साय ने कहा ‘छत्तीसगढ़ के लिए धर्मांतरण एक कलंक, अंतिम लड़ाई जारी है…

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में दो नन मानव तस्कर और कंवर्जन के आरोप में 9 दिनों तक जेल में बंद रही NIA की कोर्ट ने आज दोनों मलयाली ननों को रिहा कर दिया है. CPI सांसद पी. संदोष कुमार, केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर और अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया।
‘छत्तीसगढ़ के लिए धर्मांतरण एक कलंक है’
CM विष्णु देव साय ने कहा- ‘छत्तीसगढ़ के लिए धर्मांतरण एक कलंक है. अंतिम लड़ाई जारी है.’
‘हमारे लिए बहुत खुशी की बात है…’
दोनों ननों की बेल पर केरल BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा- ‘हमारे लिए बहुत खुशी की बात है. 6 दिन से केरल BJP ने नेतृत्व को रिक्वेस्ट दिया था कि उनको जेल से बेल पर छोड़ा जाए. हमने प्रयास किया था और तीन दिन पहले सेशन कोर्ट में यह मैटर आ भी गया था, लेकिन कांग्रेस के नाटक के कारण जज ने कह दिया कि मैं सुनवाई नहीं करूंगा.’ उन्होंने आगे कहा- ‘हम प्रयास कर रहे थे कि वे जेल से बाहर निकले. केस आगे बढ़े लेकिन उन्हें बेल मिले. जो तीन दिन पहले हो सकता था वह आज हुआ है.’
जज, CM-गृह मंत्री को शुक्रिया – राजीव चंद्रशेखर
केरल BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा- ‘मैं शुक्रिया अदा करता हूं ज्यूडिशियरी को, यहां के होम मिनिस्टर और मुख्यमंत्री को.’ वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा- ‘कांग्रेस का एक मेथड है. मैं उसे अंग्रेजी में वल्चर पॉलिटिक्स कहता हूं. जहां पर कोई कठिनाई हो उस कठिनाई को सुधारने के लिए कोई सॉल्यूशन नहीं निकालेंगे. कांग्रेस वाला रील बनाएगा, मोदी जी को ब्लेम करेगा लेकिन पानी नहीं देगा.’
इसके अलावा ननों पर धर्मांतरण के गंभीर आरोपों को लेकर केरल BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा- ‘छत्तीसगढ़ स्टेट जहां पर यह मामला बहुत सेंसिटिव है, स्टेट में एंटी कन्वर्जन लॉ है, स्टेट में ट्रैफिकिंग के अगेंस्ट लॉ हैं, जो भी यहां आते हैं उनको मानना पड़ेगा. छत्तीसगढ़ इतना सेंसिटिव स्टेट है और यहां के लॉ को किसी को वायलेट नहीं करना चाहिए.’
बजरंगदल कार्यकर्ताओं पर FIR की मांग :युवतियां बोलीं ‘बैड टच किया गया‘
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में नन गिरफ्तारी मामले में अब अबूझमाड़ की 3 युवतियों ने बजरंगदल के कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज करने नारायणपुर SP को आवेदन दिया है। इनका आरोप है कि दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 100 से 200 लड़कों ने उन्हें घेर लिया था। जातिगत गालियां दी। बैड टच किया। फिर पुलिस स्टेशन लेकर गए। वहां हमें एक कमरे में रखा। पुलिस जवानों को बाहर कर एक कमरे में घुस गए। कमरे के अंदर ज्योति शर्मा और उसके साथ 20 से 25 लड़के थे। कमरे में भी हमें पीटा गया। FIR कराने हम पर जबरदस्ती दबाव बनाया गया। FIR नहीं कराने पर धमकी देने लगे।
नारायणपुर जिले की अबूझमाड़ की रहने वाली हैं तीनों लड़कियां
दरअसल, ये तीनों युवतियां नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ के अलग-अलग गांवों की रहने वाली हैं। ये ईसाई धर्म को मानती हैं। कुछ दिन पहले 2 नन के साथ आगरा जा रही थी। इसी बीच दुर्ग रेलवे स्टेशन पर इन्हें रोक लिया गया था। ननों की गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि, आज 2 अगस्त को उन्हें बेल मिल गई है।
SP को दिया आवेदन
शनिवार को को ही ये तीनों युवतियां नारायणपुर SP कार्यालय पहुंचीं। इन्होंने लिखित आवेदन देकर SP से FIR की मांग की है। इन तीनों युवतियों में एक की उम्र 21 साल, 2 युवतियों की उम्र 19-19 साल है। इन्होंने कहा है कि दुर्ग में पुलिस ने कोरे कागज पर दस्तखत करवाया।
आरोप- 4 दिन कमरे में बंद रखा
उनका आरोप है कि, उन्हें सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था। वहां भी हमें 4 दिनों तक एक कमरे में बंद कर रखा था। न तो किसी से बात करने दिया गया और न ही कमरे से बाहर जाने दिया। इनका कहना है कि वे अपने परिजनों की इजाजत से ही ननों के साथ जा रही थीं। इनके आरोप के बाद हमने नारायणपुर SP रॉबिंसन गोरिया से भी बात करने की कोशिश की। हालांकि, उन्होंने फोन नहीं उठाया।
हम लोग अपनी मर्जी से जा रहे थे आगरा – पीड़िता
वहीं बता दें कि नारायणपुर जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर कुकुडाझोर गांव में रहने वाली कमलेश्वरी प्रधान ने बताया कि हम हमारी मर्जी से मिशन अस्पताल में काम करने के लिए भोपाल जा रही थी. रेलवे स्टेशन में बजरंग दल के लोग पकड़कर ले गए और झूठा मामला बना दिया.
बजरंग दल के लोगों ने जेल भिजवा दिया
उन्होंने ननों को निर्दोष बताते हुए कहा कि बजरंग दल के लोगों के द्वारा दबाव बनाकर नन को जेल भिजवाया गया हैं. दोनों नन और एक सुखमन मंडावी निर्दोष हैं. हम अपनी मर्जी से आगरा होते हुए भोपाल जा रहे थे परिजनों की सहमति से मिशन अस्पताल काम करने जा रहे थे हमारे नाम से झूठा मामला बनाया गया हैं.
NIA कोर्ट ने दो ननों को दी जमानत
आज दुर्ग रेल्वे स्टेशन से ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में गिरफ्तार की गई दो मलयाली ननों को बिलासपुर NIA कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है. इसके पहले 1 अगस्त 2025 को इस मामले में NIA कोर्ट में सुनवाई हुई थी. यह सुनवाई दोनों ननों की बेल एप्लीकेशन पर हुई थी. जहां कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद आज उन्हें जमानत दी गई है.