छत्तीसगढ़ के किसान ध्यान दे पहली… फुर्सत में कर ले ये काम, नही तो न कर पाऐंगे धान बिक्री, न होगा फसल बीमा, न मिलेगा किसी सरकारी योजनाओं का लाभ

छत्तीसगढ़ में इस साल धान बेचने वाले किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर किसान पंजीयन अब अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य सरकार ने कहा है, कि बिना पंजीयन के न तो धान बिक्री होगी और न ही फसल बीमा, पीएम किसान सम्मान निधि या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. पंजीयन की अंतिम तारीख 30 अगस्त है.
बिना पंजीयन वाले किसान न केवल धान खरीदी से वंचित रहेंगे, बल्कि पीएम किसान की अगली किस्त और फसल बीमा योजना का लाभ भी नहीं ले पाएंगे. कृषि विभाग ने सभी किसान जल्द से जल्द पंजीयन कराने की अपील की है.
सहायता के लिए डिजिटल पहचान
किसान लोक सेवा केंद्र (CSC), सहकारी समिति या सीधे एग्रीस्टैक पोर्टल के जरिए खुद पंजीयन कर सकते हैं. पंजीयन पूरी तरह मुफ्त है और इसके बाद किसानों को 11 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी दी जाएगी.
30 अगस्त से पहले कराएं पंजीयन
पंजीयन के लिए किसानों को बी-1 खतौनी, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड और आधार से लिंक मोबाइल नंबर साथ रखना होगा. कृषि विभाग ने 30 अगस्त से पहले पंजीयन कराने की फिर से अपील की है.
एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकरण के लिए जरूरी जानकारी
पंजीकरण अनिवार्य
धान बिक्री के लिए अब किसान का एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है।
केवल पंजीकृत किसान पात्र
सिर्फ वही किसान जो पोर्टल पर पंजीकृत हैं, वे धान विक्रय कर सकेंगे।
निःशुल्क पंजीकरण सुविधा
किसान नजदीकी लेम्प्स केंद्र या ग्राहक सेवा केंद्र पर बिना किसी शुल्क के पंजीकरण करवा सकते हैं।
खरीफ 2025-26 के लिए लागू
यह नियम खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 से प्रभावी होगा।
सरकारी योजनाओं का लाभ
पंजीकृत किसानों को उन्नति योजना समेत कई शासकीय योजनाओं का लाभ मिलेगा।
किसान एग्रीस्टैक में पंजीकरण क्यों जरूरी है?
एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकरण किसानों के लिए अनिवार्य है, क्योंकि इसके बिना वे अधिकांश सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, फसल बीमा, ऋण और समर्थन मूल्य पर फसल विक्रय जैसी सुविधाओं का लाभ नहीं ले सकते। नीचे इसकी प्रमुख जरूरतें दी गई हैं:
- सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: पंजीकृत किसान ही पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, खाद व बीज पर सब्सिडी जैसी योजनाओं का फायदा उठा सकते हैं। अब इन सुविधाओं का पैसा सीधे किसान के खाते में पहुंचेगा.
- पारदर्शिता और सही लाभुक की पहचान: डिजिटल रजिस्ट्रेशन से गलत और फर्जी लाभार्थी छंट जाएंगे तथा सही किसान तक योजनाओं की पहुंच होगी। जमीन और किसान की जानकारी एक ID से जुड़ने पर धोखाधड़ी की संभावना कम होती है.
- फसल बेचने एवं कृषक क्रेडिट कार्ड सुविधा: खरीफ सीजन या समर्थन मूल्य पर फसल बेचना हो, तो पंजीकरण जरूरी है। बिना पंजीकरण, किसान मंडी में फसल नहीं बेच सकते.
- कागजी प्रक्रियाओं से छुटकारा: सारी जानकारी डिजिटल होने के कारण बार-बार KYC, दस्तावेज और दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रहती है। काम ऑनलाइन व तेज गति से होता है.
- बैंक लोन और बीमा क्लेम में सुविधा: पंजीकृत किसान को बैंक में तेज ऋण व बीमा क्लेम मिलता है, क्योंकि सारी जानकारी पहले से उपलब्ध होती है.
- योजनाओं का प्रचार व अपडेट: समय-समय पर सरकार नई स्कीमें, अपडेट, और सूचनाएं भी सीधे पंजीकृत किसानों तक भेज सकती है।
- भूमि का रिकॉर्ड सुनिश्चित: जमीन के रिकॉर्ड जुड़ने से जमीन हेराफेरी या झगड़ों में भी मदद मिलती है.