पाकिस्तान को ये क्या हो गया भाई… मार दिए अपने ही 45 आतंकी, 19 जवानों की भी मौत

पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़ी एक बड़ी घटना सामने आई है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए सैन्य अभियानों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के 45 आतंकवादी ढेर हो गए हैं। इस दौरान करीब 19 पाकिस्तानी सैनिकों की भी जान गई है।
तीन इलाकों में हुईं झड़पें
पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, 10 से 13 सितंबर के बीच खैबर पख्तूनख्वा के तीन अलग-अलग हिस्सों में मुठभेड़ें हुईं। इन्हीं अभियानों के दौरान आतंकियों को मार गिराया गया। सरकारी रेडियो ‘रेडियो पाकिस्तान’ के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ बन्नू पहुंचे और वहां उच्च स्तरीय बैठक कर आतंकवाद पर काबू पाने की रणनीति पर चर्चा की।
शहबाज शरीफ का बयान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश आतंकवाद का पूरी ताकत के साथ सामना करता रहेगा। सेना के अनुसार, इन अभियानों का मुख्य निशाना टीटीपी के आतंकवादी थे।
अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बड़ी वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई न सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि दुनिया को यह दिखाने के लिए भी की है कि वह आतंकियों के खिलाफ सख्त है। दरअसल, पाकिस्तान पर लंबे समय से आतंकवादियों को शरण देने और उन्हें भारत समेत अन्य देशों पर इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं।
भारत का रुख
भारत लगातार कहता आया है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को समर्थन देता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया था कि उसकी आतंकवाद के खिलाफ नीति जीरो टॉलरेंस की रहेगी। इसके बाद नई दिल्ली ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया, जिससे पाकिस्तान पर भारी दबाव बढ़ा है।
पाकिस्तान की मुश्किलें
ऐसे हालात में पाकिस्तान अब आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई कर यह दिखाने का प्रयास कर रहा है कि वह एक बड़ा आतंक-रोधी देश है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसकी छवि अभी भी संदेह के घेरे में बनी हुई है।