नक्सलियों की शांतिवार्ता की पहल, विजय शर्मा बोले पत्र की भाषा व शब्दावली में विरोधाभास, ऑथेंटिसिटी पर सरकार करेगी पड़ताल

छत्तीसगढ़ में युद्ध विराम को लेकर नक्सलियों ने पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने सरकार के समक्ष शांति वार्ता करने और हथियार छोड़ने का प्रस्ताव रखा है। मामले में अब प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का बयान सामने आया है। कहा- पत्र की जांच कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार सकारात्मक निर्णय लेंगे।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा- 15 अगस्त को जारी किया गया पत्र कितना ऑथेंटिक है इसकी जांच की जाएगी। बस्तर में शांति व्यवस्था लागू हो इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। नक्सली अगर हथियार छोड़कर आते हैं तो बात हो सकती है। अगर पत्र में सच्चाई है तो जरुर निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि, नक्सलियों की ओर से जारी पत्र की शब्दावली में परिवर्तन है जिससे विरोधाभास है। इसकी जांच जरुरी है।
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जाने क्या लिखा है पत्र में?
माओवादियों के सीसी मेंबर अभय की और से जारी इस कथित पत्र में उन्होंने हथियार छोड़ने की बात कही है। पत्र में लिखा है, “शांति वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि बदली हुई दुनिया और देश की परिस्थितियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के अनुरोध को देखते हुए, हमने हथियार छोड़ने का फैसला किया है। हमने सशस्त्र संघर्ष पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया है। भविष्य में, हम सभी राजनीतिक दलों और संघर्षरत संगठनों के साथ मिलकर जन मुद्दों पर लड़ेंगे।”
इसमें कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन “इस विषय पर केंद्रीय गृह मंत्री या उनके द्वारा नियुक्त व्यक्तियों या प्रतिनिधिमंडल से बात करने के लिए तैयार है।” आगे कहा गया है, “बाद में हम उन साथियों का एक प्रतिनिधिमंडल तैयार करेंगे जो इससे सहमत हैं या इसका विरोध करते हैं और शांति वार्ता में भाग लेंगे।”

वीडियो कॉल के जरिए वार्ता का जिक्र
इसलिए केंद्र सरकार से हमारा अनुरोध है कि देशभर से अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे और जेल में बंद साथियों से सलाह मशविरा करने के लिए हमें एक माह का समय दें। नक्सली लीडर ने कहा कि इस विषय पर प्राथमिक रूप से सरकार के साथ वीडियो कॉल के जरिए विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए भी हम तैयार हैं।इसलिए और एक बार हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि फौरन एक माह के लिए सीजफायर करें। अभियान को रोकें।
सरकार रोक दें तलाशी अभियान
ताज़ा पत्र में, वे अपने रुख में बदलाव की बात तो कर रहे हैं, लेकिन अपनी शर्त दोहराते हैं कि सरकार एक महीने के लिए तलाशी अभियान रोक दे। पत्र में कहा गया है, “10 मई को, हमारे महासचिव ने कॉमरेड अभय के नाम से एक प्रेस बयान जारी किया था, जिसमें युद्धविराम का प्रस्ताव रखा गया था और हथियार छोड़ने पर शीर्ष नेतृत्व से परामर्श के लिए एक महीने का समय माँगा गया था। लेकिन, दुर्भाग्य से, केंद्र सरकार ने कोई अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।”
जारी किया ई-मेल एड्रेस
अभय ने शांति वार्ता के लिए ई-मेल, फेसबुक आईडी भी जारी किया है। लिखा गया है कि इस माध्यम से वे अपने विचार और प्रपोजल पर सरकार अपनी सहमति जताते हुए सहयोग करने आश्वासन देने के फौरन बाद से ही हम यह दिए ईमेल और फेसबुक अकाउंट को देख सकते हैं। अभय ने कहा कि सरकार से हमारा यह अनुरोध है कि आप अपने निर्णय को इंटरनेट से दूर रहने बाले हमारी पार्टी के तमाम कैड़ों तक पहुंचाने के लिए आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के माध्यम से जरूर प्रसार करवाइये। जारी ईमेल nampet (2025)@gmail.com है।
प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के लिए तैयार
अभय ने कहा कि हम इस विषय पर केंद्र के गृहमंत्री व उनसे नियुक्त व्यक्तियों से अथवा प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता के लिए हम तैयार हैं, लेकिन हमारी इस बदले हुए विचार से साथियों को अवगत कराना पड़ेगा। यह हमारा दायित्व है कि बाद में पार्टी के अंदर इस पर सहमत जताने वाले व विरोध करने वाले स्पष्ट होकर सहमत जताने वाले साथियों से एक प्रतिनिधि मण्डल तैयार कर शांति वार्ता में हम शिरकत करेंगे।






