नारायणपुर मुठभेड़ पर विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने नक्सली कमांडर रामचंद्र रेड्डी के अंतिम संस्कार पर लगाई रोक

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में 22 सितंबर 2025 को हुई मुठभेड़ में तीन करोड़ से अधिक के इनामी दो नक्सली कमांडर कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ राजू दादा उर्फ विकल्प और कोसा दाद उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी ढेर हो गए थे। इस एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें कोर्ट ने नक्सली कमांडर कट्टा रामचंद्र रेड्डी के शव को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
याचिका में आरोप: फर्जी एनकाउंटर
रामचंद्र रेड्डी के बेटे राजा चंद्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए पुलिस पर शव को नष्ट करने का आरोप लगाया। याचिका में दावा किया गया कि उनके पिता को पहले पकड़कर प्रताड़ित किया गया और फिर हत्या कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश दिया कि रामचंद्र रेड्डी का शव तब तक अंतिम संस्कार न किया जाए जब तक मामले की सुनवाई पूरी न हो।
पुलिस की सफाई
छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 22 सितंबर को हुई मुठभेड़ में दोनों नक्सलियों के शवों का वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पोस्टमार्टम किया गया है। एक मृतक नक्सली का शव परिवार को सौंपकर अंतिम संस्कार कराया जा चुका है, जबकि रामचंद्र रेड्डी का शव अस्पताल में संरक्षित है। पुलिस ने कहा कि जांच में कोई दुर्भावना नहीं पाई गई।
मिली जानकारी के मुताबिक, इन दोनों नक्सली कमांडरों पर 1.8 करोड़ रुपए का इनाम था। दोनों राजू दादा (विकल्प) और कोसा दादा पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति के केंद्रीय सदस्य थे। ये कई गंभीर हिंसक घटनाओं में शामिल रहे, जिनमें कई सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं।