छत्तीसगढ़ : पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री पर 1% टैक्स लागू, जानें कब से और कैसे करना होगा भुगतान

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब प्रदेश में सेकेंड हैंड व्हीकल की बिक्री पर 1 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य हो गया है। यह नियम सभी प्रकार के वाहनों पर लागू होगा।
अब लोगों को पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री पर 1% टैक्स देना होगा. यह नियम सभी टू-व्हिलर और फोर-व्हिलर्स पर लागू होगा. यानी बाइक, कार, ट्रक या कोई भी अन्य माल वाहन हो अब बिना टैक्स चुकाए वाहन मालिक का नाम ट्रांसफर नहीं होगा. नए नियम के तहत 10 लाख रुपए के वाहन पर 10,000 रुपए और 20 लाख रुपए के वाहन पर 20,000 रुपए टैक्स देना होगा.
पुराने वाहनों के नाम ट्रांसफर पर 1% टैक्स
परिवहन विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में 1% टैक्स को अपडेट कर दिया गया है. RTO में वाहनों का रिकॉर्ड पूरी तरह ऑनलाइन मैनेज होता है. ऐसे में अब टैक्स चुकाए बिना नाम ट्रांसफर की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी. राज्य के सभी RTO कार्यालयों में यह टैक्स वसूली शुरू हो चुकी है. पुराने वाहन चाहे वे कितने भी साल पुराने हों, टैक्स में कोई छूट नहीं मिलेगी. टैक्स वाहन की मूल शोरूम कीमत पर लागू होगा. साथ ही हर बार वाहन बिक्री पर नाम ट्रांसफर से पहले 1% टैक्स देना होगा.
दिल्ली से लग्जरी गाड़ियों के कारोबार पर असर
नए टैक्स नियम से दिल्ली से पुरानी लग्जरी गाड़ियां लाकर बेचने वाले कारोबार को झटका लगेगा. दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों का परिचालन अवैध है, लेकिन छत्तीसगढ़ में री-रजिस्ट्रेशन के बाद इन्हें चलाया जा सकता है. यही वजह है कि दिल्ली की 50-60 लाख से 1 करोड़ रुपए की कीमत वाली लग्जरी गाड़ियां कम कीमत पर खरीदकर रायपुर में अच्छे दामों पर बेची जाती हैं. अब महंगी गाड़ियों पर 1% टैक्स के कारण ज्यादा टैक्स देना होगा, जिससे इस कारोबार पर असर पड़ेगा.
टैक्स रेट और गणना
- टैक्स दर: वाहन मूल्य का 1%
- 10 लाख रुपए की कार पर: ₹10,000 टैक्स
- 20 लाख रुपए की कार पर: ₹20,000 टैक्स
- यह टैक्स वाहन की मूल शोरूम कीमत पर लागू होगा
कौन से वाहन शामिल हैं?
- दो पहिया वाहन (बाइक, स्कूटर)
- चार पहिया वाहन (कार, जीप)
- ट्रक और अन्य कमर्शियल वाहन
- सभी प्रकार के माल परिवहन वाहन
टैक्स भुगतान की प्रक्रिया
ऑनलाइन सिस्टम में अपडेट
- परिवहन विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में 1% टैक्स अपडेट हो चुका है
- RTO में सभी वाहनों का रिकॉर्ड पूर्णतया डिजिटल है
- बिना टैक्स भुगतान के नाम ट्रांसफर असंभव
- राज्य के सभी RTO कार्यालयों में टैक्स वसूली शुरू
नाम ट्रांसफर प्रक्रिया
- हर बार वाहन बिक्री पर नाम ट्रांसफर से पहले टैक्स भुगतान
- वाहन की उम्र से कोई छूट नहीं
- टैक्स में कोई लचीलापन नहीं
बाजार पर प्रभाव
लग्जरी कार बिजनेस को झटका
दिल्ली-छत्तीसगढ़ कनेक्शन:
- दिल्ली में 15 साल पुराने वाहन अवैध
- छत्तीसगढ़ में री-रजिस्ट्रेशन के बाद चलाना वैध
- 50-60 लाख से 1 करोड़ के लग्जरी वाहनों का कारोबार
- अब अधिक टैक्स के कारण कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव
छत्तीसगढ़ में सेकेंड हैंड वाहन बाजार
सालाना आंकड़े:
- कुल बिक्री: 1.5 लाख+ वाहन प्रतिवर्ष
- दो पहिया: 55% हिस्सेदारी
- कारें: 25% हिस्सेदारी
- बड़े व माल वाहन: 20% हिस्सेदारी
आम लोगों पर प्रभाव
बाइक खरीदारों पर बोझ
- सबसे ज्यादा बिकने वाली बाइकों पर भी टैक्स
- मध्यम वर्गीय परिवारों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव
- सेकेंड हैंड व्हीकल खरीदना महंगा
जेब पर सीधा प्रभाव
- पुराने वाहन खरीदने की लागत में वृद्धि
- ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कॉस्ट इंक्रीज
- वाहन व्यापारियों को भी नुकसान
नई नीति के फायदे
सरकारी राजस्व वृद्धि
- प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार
- बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए फंड
- ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में पारदर्शिता
डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा
- ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम
- भ्रष्टाचार में कमी
- पेपरलेस ट्रांजैक्शन