छत्तीसगढ़

Bharatmala Project Scam: SDM, तहसीलदार और RI की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी के आसार तेज

Bharatmala Project Scam: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भारतमाला परियोजना में हुए कथित घोटाले के मामले में आरोपित राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। ये सभी अधिकारी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार प्रकरण में आरोपी हैं।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। जिनकी याचिकाएं खारिज हुई हैं, उनमें तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, तहसीलदार लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरण, शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार डीएस उइके, राजस्व निरीक्षक रोशन लाल वर्मा और पटवारी दीपक देव शामिल हैं। ईओडब्ल्यू-एसीबी की जांच में खुलासा हुआ है कि इन अधिकारियों ने भूमाफियाओं से मिलीभगत कर भारतमाला परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण में भारी गड़बड़ी की। आरोप है कि इनकी साठगांठ से भूमालिकों को वास्तविक मूल्य से कई गुना अधिक मुआवजा राशि दिलवाई गई, जिससे सरकार को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

मामले के सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सभी आरोपी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से अग्रिम जमानत के लिए विस्तृत दलीलें दी गईं, परंतु अदालत ने कहा कि मामला गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिसकी जांच अभी जारी है। ऐसे में आरोपितों को अग्रिम जमानत देना जांच की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

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